यह सुयोग व्यर्थ न जाने पाए
संधि-वेला की महत्ता, प्रेरणा एवं अावश्यकता को जिसने भी समझा, उन्हें दैनिक सुख-सुविधा में कटौती करनी पड़ी। प्रतिकूलताअों से भी टकराना पड़ा, पर इसके फलस्वरूप उन्होंने जो पाया उसे अविस्मरणीय ही कहा जा सक...
- एक ही रास्ता
- Jul 2nd 2018