बसवतारकम इंडो अमेरिकन कैंसर हॉस्पिटल में एम्पीकॉन राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ

हैदराबाद, बसवतारकम इंडो अमेरिकन कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट तथा असोसिएशन ऑफ मेडिकल फिजिसिस्ट्स ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आज से तीन दिवसीय 45वां एम्पीकॉन राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ हुआ। मानव स्वास्थ्य पर चिकित्सा भौतिकी अनुसंधान का प्रभाव थीम पर आधारित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि बीआईएसीएचएंडआरआई के अध्यक्ष नंदमुरी बालकृष्ण थे।

प्रेस विज्ञप्ति द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, नंदमुरी बालकृष्ण ने अपने संबोधन में स्व. एनटीआर के एक उन्नत उपचार सुविधा केंद्र की स्थापना के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। जो सस्ती दरों पर कैंसर की देखभाल प्रदान कर सके। उन्होंने कहा कि पृष्ठभूमि पर आधारित बीआईएसीएचएंडआरआई ने अपने स्वयं के अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम विकसित करते हुए परिसर में दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने को भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा हम इस तरह के ज्ञान साझा करने वाले कार्यक्रमों के आयोजन में भी अग्रणी हैं। है। आशा है यह सम्मेलन प्रतिभागियों के बीच ज्ञान साझा करते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगा।

बीआईएसीएचएंडआरआई के विकिरण भौतिक विज्ञाना विभाग के प्रमुख डॉ. मधुसूदन श्रेष्ठी ने स्वागत भाषण देते हुए कैंसर की देखभाल प्रदान करने में विकिरण भौतिकविदों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के सम्मेलन के लिए चुने गए विषय से यह जानकारी मिलेगी कि प्रत्येक मानव शरीर विकिरण चिकित्सा पर कैसे प्रतिक्रिया करेगा। बीआईएसीएचएंडआरआई के ट्रस्ट बोर्ड सदस्य डॉ. दत्तात्रेय नोरी ने अवसर पर कहा हैदराबाद दुनिया भर में विकिरण चिकित्सा में विभिन्न आविष्कारों का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि विकिरण चिकित्सा में कई नई तकनीपें विकसित हुई हैं। दुनिया के 50 प्रतिशत से अधिक प्रसिद्ध विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट तथा विकिरण भौतिकविद भारत से हैं।

आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रो. बीएस मूर्ति ने अवसर पर चिकित्सा और इंजीनियरिंग के कौशल को मिलाकर स्वास्थ्य देखभाल में विकसित नवीनतम तकनीकों के महत्व पर जोर दिया। बीआईएसीएचएंडआरआई सीईओ डॉ. के वफढष्णैया ने यहां उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं तथा सेवाओं पर प्रकाश डाला। जानकारी देते हुए बताया गया कि तीन दिवसीय सम्मेलन में देशभर से एक हजार से अधिक विकिरण भौतिक विज्ञानी, विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट, भौतिकी वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के दौरान विकिरण चिकित्सा और संबंधित प्रौद्योगिकियों के मानव जीव विज्ञान पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की जाएगी। यहां विकिरण भौतिकविदों और विकिरण ऑन्कोलॉजिस्टों की उपस्थिति में भौतिकी वैज्ञानिक विकिरण चिकित्सा के लिए उपलब्ध उन्नत प्रौद्योगिकियों जैसे प्रोटॉन थेरेपी तथा ब्रेकीथेरेपी आदि के बारे में भी चर्चा की जाएगी।

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