भुजंग राव की जमानत पर फैसला स्थगित

हैदराबाद, फोन टैपिंग के मामले में आरोपी नं. 3 पूर्व अतिरिक्त डीएसपी भुजंग राव की जमानत पर आज तेलंगाना उच्च न्यायालय में सुनवाई पूर्ण हुई। सुनवाई के पश्चात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस के. सुजन ने इस मामले पर अपना फैसला स्थगित रखा।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ई. उमा महेश्वर राव ने दलील देते हुए बताया कि इस मामले में याचिकाकर्ता को फँसाया गया। इस कारण उन्हें रिमांड करना भी कानून के खिलाफ है। गिरफ्तार करने के संबंध में कारणों का भी खुलासा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले से संबंधित सभी सबूत और दस्तावेज इकट्ठा कर अदालत में जमा कर दिए हैं। इस कारण सबूत और दस्तावेज अदालत की परिधि में है, जिसके चलते याचिकाकर्ता पर सबूत और दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाना भी अनुचित है। अस्वस्थता के चलते याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत मंजूर की गई है। इस कारण वे अदालत से नियमित जमानत मंजूर करने का आग्रह कर रहे हैं।

पुलिस की ओर से सरकारी अधिवक्ता पल्ले नागेश्वर राव ने दलील देते हुए कहा कि एसआईबी में काम करने वाले पुलिस अधिकारियों का सुरक्षा के कार्यों से कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद भी याचिकाकर्ता ने फोन टैपिंग की। इस मामले के दूसरे नंबर के आरोपी प्रणीत राव के बयान के अनुसार भुजंग राव को गिरफ्तार किया गया। आरोप-पत्र दायर करने के बाद 26 गवाहों के बयान प्राप्त किए गए। मुख्य आरोपी व एक अन्य आरोपी अभी फरार है। दोनों के अमेरिका में होने की जानकारी मिली है और उन्हें अमेरिका से हैदराबाद लाने का प्रयास किया जा रहा है। मामले की जाँच अधूरी है। इस कारण याचिकाकर्ता को जमानत न देने का आग्रह किया। दलील सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने अपना फैसला स्थगित रखा।

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