मार्गदर्शी चिट्स यदि किसी उपभोक्ता को पैसा बकाया है, तो विवरण हासिल करें: अदलत

हैदराबाद,तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मार्गदर्शी चिटफंड्स संस्था यदि उपभोक्ताओं को पैसा बकाया है, तो उनका विवरण जानने के लिए तीन भाषाओं के समाचार-पत्रों में नोटिस जारी करने के उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को आदेश दिए। विवरण जानने के लिए तेलुगु, हिन्दी और अंग्रेजी समाचार-पत्र में नोटिस जारी की जाए।

इस मामले पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस सुजोय पॉल और जस्टिस नामावरपु राजेश्वर राव की खण्डपीठ ने सुनवाई करते हुए बकायेदारों का विवरण हासिल करने हेतु नोटिस जारी कर विस्तृत प्रचार करने के आदेश दिए। ऑनलाइन सुनवाई के तहत याचिकाकर्ता राजमंड्री के पूर्व सांसद उंडावल्ली अरुण कुमार, मार्गदर्शी की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा हाजिर हुए। सिद्धार्थ लूथरा ने आरबीआई द्वारा दायर प्रतियाचिका पर अपनी राय प्रकट करने के लिए दो सप्ताह का समय देने का आग्रह किया।

उंडावल्ली अरुण कुमार ने दलील देते हुए कहा कि आरबीआई अधिनियम की धारा 45(एस) के अनुसार मार्गदर्शी द्वारा धन इकट्ठा करना गैर-कानूनी है। जिसका आरबीआई ने प्रतियाचिका में उल्लेख किया है। इस पूरे मामले की विस्तृत जाँच करवाकर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के आदेश देने का अदालत से आग्रह किया। मार्गदर्शी की ओर से 70 हजार लोगों से धन इकट्ठा किया गया और इसका विवरण सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया गया। यह सभी विवरण पेन ड्राइव में अपलोड कर उच्च न्यायालय में पेश करने के मार्गदर्शी को आदेश देने का भी आग्रह किया। इस दौरान खण्डपीठ ने हस्तक्षेप कर अरुण कुमार को हलफनामा दायर करने के आदेश दिए। इसके साथ ही इस मामले पर तेलंगाना व आंध्र-प्रदेश सरकार को अपनी-अपनी राय के साथ प्रतियाचिका दायर करने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई 11 सितंबर तक स्थगित कर दी।

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