राष्ट्रपति ओडिशा में नीलमाधव मंदिर दर्शन व शबर समाज समारोह में शामिल
भुवनेश्वर से नयागढ़ की यात्रा और मंदिर दर्शन
भुवनेश्वर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भुवनेश्वर (ओडिशा) पहुंचीं। वहां से उन्होंने नयागढ़ जिले की यात्रा की और प्रसिद्ध भगवान नीलमाधव मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने मंदिर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित किया। यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से अधिक पर्यटक और तीर्थयात्री आकर्षित होंगे, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

शबर समाज स्थापना दिवस समारोह में भागीदारी
इसके बाद, राष्ट्रपति कलियापल्ली पहुंचीं, जहां उन्होंने भारतीय विश्वबासु शबर समाज के स्थापना दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों की प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली भारतीय संस्कृति की विशेषता है। उन्होंने वन संरक्षण में आदिवासी परंपराओं और मान्यताओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। सरकार आदिवासी सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आदिवासी भाई-बहनों से अपील की कि वे इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें और उनका लाभ उठाएं।

आदिवासी संस्कृति और आर्थिक विकास पर जोर
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आदिवासी कला, संस्कृति और परंपराओं को सहेजने और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। हस्तशिल्प, कृषि और पर्यटन के क्षेत्र में नयागढ़ की व्यापक संभावनाएं हैं, जिन्हें पहचानने और विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएं। सरकार की योजनाएं तभी सफल होंगी जब जनता जागरूक होगी और उनमें भाग लेगी। उन्होंने सभी से मिलकर इस क्षेत्र को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।( PIB)
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