सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल मामले में केंद्र से पूछे सवाल

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि वह यह क्यों नहीं कह सकता कि उसके दरवाजे किसानों के लिए खुले हुए हैं और वह फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की उचित शिकायतों पर विचार करेगा?

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने केंद्र से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की ओर से दायर नई याचिका पर जवाब देने को कहा है, जिसमें कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

पंजाब सरकार ने अवकाशकालीन पी को सूचित किया था कि डल्लेवाल चिकित्सा सहायता के लिए सहमत हो गए हैं, क्योंकि केंद्र ने बातचीत का उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। शीर्ष अदालत ने 20 दिसंबर के आदेश का पालन करने के लिए अतिरिक्त तीन दिन की मोहलत संबंधी पंजाब सरकार के अनुरोध पर संज्ञान लिया था। पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने पी को अवगत कराया कि किसानों ने केंद्र के समक्ष बातचीत का प्रस्ताव रखा है, जिसके बाद डल्लेवाल चिकित्सा सहायता प्राप्त करेंगे। पी ने हालाँकि बातचीत या कानून-व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करने से परहेज किया।

पी ने कहा कि अगर कुछ ऐसा होता है, जो दोनों पक्षों और संबंधित सभी हितधारकों को स्वीकार्य हो, तो हम भी उतने ही खुश होंगे। फिलहाल, हम केवल अपने आदेशों के अनुपालन को लेकर चिंतित हैं। अगर आप और समय चाहते हैं, तो हम विशेष परिस्थितियों में आपको कुछ समय देने को इच्छुक हैं।

इसके बाद शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के अपने आदेश के अनुपालन के लिए मामले को दो जनवरी के लिए स्थगित कर दिया था। शीर्ष अदालत ने डल्लेवाल को अस्पताल नहीं ले जाने के लिए पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की। हालाँकि, उसे 70 वर्षीय नेता को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का विरोध करने के कारण आंदोलनकारी किसानों की मंशा पर संदेह था।(भाषा)

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