खेलों में लौटेगा तेलंगाना गौरव : रेवंत रेड्डी
हैदराबाद, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक द्वारा संचालित एनएमडीसी हैदराबाद मैराथन शहर के खेल प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। दौड़ की तीन अलग-अलग श्रेणियों 10 के, फुल मैराथन और हाफ मैराथन में पच्चीस हज़ार से अधिक धावकों ने दौड़ लगायी। पीपुल्स प्लाज़ा नेकलेस रोड से शुरू हुई यह दौड़ गच्चीबावली में संपन्न हुई। ऐतिहासिक शहर हैदराबाद की यह दौड़ भारत में मैराथन सीजन में महत्वपूर्ण स्थान द़र्ज कर गयी, जिसमें 12 हज़ार फिनिशर एवं लगभग 50 एथलीटों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गच्चीबावली स्टेडियम में मैराथन 2024 के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
हैदराबाद मैराथन के अंतिम दिन आज की प्रमुख दौड़ में कॉर्पोरेट्स, पीएसयू, सरकारी संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों, पुलिस, सेना आदि की प्रमुख भागीदारी देखी गई। इसके लिए लगभग 25,500 लोगों ने पंजीकरण करवाया था। लगभग 13 ग़ैर सरकारी संगठनों के लिए सहायता राशि जुटाने में भी इस आयोजन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुरुष और महिला श्रेणी में 3 रेस श्रेणियों में 48,00,000 रुपये के पुरस्कार वितरित किये गये।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वे हैदराबाद को एक बड़े स्पोर्ट हब के रूप में उभरते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा खेलों की उपेक्षा के कारण हैदराबाद खेलों में कोई मील का पत्थर हासिल नहीं कर सका, लेकिन वर्तमान सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और आवश्यक क़दम उठाए जा रहे हैं। विद्याार्थियों को खेलों को अपने आजीवन करियर के रूप में अपनाने के लिए परेत्साहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार खेलों में हैदराबाद का पुराना गौरव लौटाएगी और गच्चीबावली को खेल गरम के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले ओलंपिक खेलों में पदक जीतने के लक्ष्य के साथ सरकार अगले शैक्षणिक वर्ष में यंग इंडिया स्पोर्ट्स यूनिवार्सिटी की स्थापना कर प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कोचों की सेवाएँ परप्त करेगी, ताकि उभरते खिलाड़ियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। उन्होंने बताया कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार खेल स्टेडियमों की स्थापना करेगी, ताकि ओलंपिक हैदराबाद में आयोजित किया जा सके। तेलंगाना को देश में खेलों के गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना सरकार की प्रतिबद्धता है।
मैराथन अभिजात वर्ग (महिला) विजेता के रूप में प्रथम शीला चेबेट (सकल समय 02:39:24), द्वितीय जेनेथ जेपकोसेगी किप्टू (सकल समय 02:39:46) एवं तृतीय एलेमेतु हरोये (सकल समय 02:42:20) रहीं। मैराथन एलीट-महिला-शीर्ष पांच भारतीय विजोताओं में क्रमशः अश्विनी मदन जाधव (सकल समय 03:09:46), ज्योति गावटे (सकल सकल समय 03:13:52), भागीरथी बिष्ट गोरस (सकल समय 03:15:15), ज्योति पाल (सकल समय 03:20:32) एवं एएएसए टीपी (सकल समय 03:21: 42) शामिल हैं।
मैराथन अभिजात वर्ग-पुरुष शीर्ष तीन विजेताओं में प्रथम हैमिंगटन किमायो (सकल समय 02:26:06), द्वितीय यहेजकेल किपकोरिर (सकल समय 02:26:08) फेलेके देर्सेमा तुलु (सकल समय 02:26:44), मैराथन एलीट-पुरुष-शीर्ष पांच भारतीय विजेताओ में क्रमशः श्रीनु बुगाथा (सकल समय 02:29:25), सोनू तोमर (सकल समय 02:29:25), अनंत गांवकर (सकल समय 02:30:04), प्रथमेश परमाकर (सकल समय 02:32:14), देव सिंह डागर (सकल समय 02:32:16) शामिल रहे।
पुरस्कार वितरण समारोह में तेलंगाना सरकार के सूचना परैद्योगिकी मंत्री श्रीधर बाबू, तेलंगाना खेल परधिकरण के अध्यक्ष शिव सेना रेड्डी, साइबराबाद पुलिस आयुत्त अविनाश मोहंती, साइबराबाद ट्रैफिक पुलिस के संयुत्त आयुत्त जोएल डेविस, डीसीपी माधापुर विनीत एवं अन्य उपस्थित थे।
इससे पूर्व हैदराबाद पुलिस आयुत्त कोत्ताकोटा श्रीनिवास रेड्डी मैराथन को हरी झंडी दिखाई। पुलिस आयुत्त ने कहा कि मैराथन सक्रिय जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए परेत्साहित करता है। इस तरह के बड़े आयोजनों में पुलिस हमेशा सहयोग की भूमिका निभाती है।
एनएमडीसी के कार्यकारी निदेशक जयपाल रेड्डी ने 10के रन को हरी झंडी दिखाई। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मुख्य विपणन अधिकारी नारायण टीवी, रेस डायरेक्टर राजेश वेटचा संयुत्त कमिश्नर साइबराबाद पुलिस जोएल डेविस, हेड बरंच बैंकिंग साउथ, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अधिकारी नीरीश लल्लन, ओलंपियन निकहत ज़रीन, हैदराबाद रनर्स के अध्यक्ष अभिजीत मदनुरकर और उपाध्यक्ष मुरली नन्नापनेनी भी अवसर पर उपस्थित थे।
हैदराबाद मैराथन का 13वाँ संस्करण आधिकारिक तौर पर विश्व एथलेटिक्स लेबल रेस है। आज इसमें भाग लेने वाले धावकों का उत्साह बढ़ाने के लिए नागरिक बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर निकले। संगीत बैंड और बड़े पैमाने पर मनोरंजन कार्यक्रमों ने धावकों को परेत्साहित किया। हैदराबाद रनर्स सोसाइटी ने दौड़ के लिए विभिन्न प्रकार के प्रबंध किये थे। कचरे की सफाई के लिए भी विशेष प्रबंध किये गये थे।