संस्कृति की 39वीं कार्यकारिणी गठित

अध्यक्ष रमा पटवा के नेतृत्व का विजन- जुडें अपनी संस्कृति से

हैदराबाद, शहर की जानी-मानी संस्था संस्कृति की 39वीं कार्यकारिणी का गठन किया गया। अध्यक्ष रमा पटवा के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी ने पद्भार ग्रहण किया। बंजारा हिल्स स्थित द लीला में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अभिनेत्री तथा पशु कल्याण कार्यकर्ता अमला अक्किनेनी उपस्थित थीं।

वर्ष 2025-26 के लिए गठित कार्यकारिणी में रमा पटवा (अध्यक्ष), जेनी मोमाया (तत्काल पूर्व अध्यक्ष), अकिता मल्होत्रा(उपाध्यक्ष), राखी अग्रवाल (सचिव), बिनीतासेठिया (कोषाध्यक्ष), सोनल दोशी (को-आप्टेड सदस्य), नम्रता बोलाकी तथा वंदना शेते (एडवाइजर) शामिल हैं। अमला अक्किनेनी ने रमा पटवा तथा उनकी टीम को पिन लगाकर कार्यभार सौंपा। रमा पटवा के कार्यकाल की थीम जुडें अपनी संस्कृति से होगी। अमला अक्किनेनी ने कहा कि संस्कृति किसी भी व्यक्ति के लिए एक नक्शे तथा दर्पण की तरह होती है। उन्होंने बंगाली-आइरिश, तमिल, तेलुगु सिनेमा तथा पशु प्रेम संस्कृति आदि से जुड़े व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कल्चर एक बहुआयामी विषय है, जो हमारे व्यवहार और व्यक्तित्व में परलक्षित होता है। संस्कृति ही है, जो लोगों को ज्ञान प्राप्त करने, भाषा, प्रतीकों, मूल्यों, मानदंडों और परंपराओं को सीखने के माध्यम से आकार देती है। उन्होंने संस्कृति के उद्देश्यों की सराहना करते हुए रमा पटवा तथा टीम को सफल कार्यकाल हेतु शुभकामनाएँ दीं।

संस्कृति से जुड़ने का संकल्प

रमा पटवा ने कहा कि संस्कृति के नेतृत्व का अवसर मिलना निश्चित रूप से गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि पिछले अड़तीस वर्षों से यह संस्था परंपरा तथा संस्कृति को सहेजने के साथ समाज के सशक्तिकरण में योगदान दे रही है। इसके लिए हम सब संस्था की संस्थापिकाओं, को-आर्डिनेटर्स, परामर्शदाताओं तथा पूर्व अध्यक्षों के आभारी हैं, जिन्होंने संस्कृति को इस मुकाम तक पहुँचाते हुए हमारा मार्ग प्रशस्त किया। उनका संकल्प इसी पथ पर एक नई सोच और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना है। किसी भी लक्ष्य की सफलता साथ चलने वाले साथियों पर भी निर्भर करती है। आशा है कमेटी तथा संस्था की सभी सदस्याएँ सहयोग प्रदान करेंगी।

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संस्कृति: मूल्यों, कला और सेवा का संगम

रमा पटवा ने कमेटी का परिचय कराते हुए कहा कि अध्यक्ष कार्यकाल के तौर पर उनका विजन ज़ुडें अपनी संस्कृति से होगा। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति से जुड़ने का अर्थ यह नहीं है कि हम आधुनिकता से दूर रहें, बल्कि हम चाहते हैं कि आधुनिकता के साथ हम संस्कृति तथा परंपरा रूपी जड़ों को भी मजबूत करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हमारा प्रयास पुरातन से जुड़ी लोक कलाओं, उत्सवों तथा परंपराओं को फिर से प्रचलन में लाना होगा। साथ ही उन सांस्कृतिक मूल्यों को पुन स्थापित करना होगा, जो परस्पर एक-दूसरे से जोड़ते हैं। रमा पटवा ने कहा कि हम मिलकर प्रयास करेंगे कि संस्कृति तथा परंपराओं को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखते हुए व्यवहार में चरितार्थ करें।

तत्काल पूर्व अध्यक्ष जेनी मोमाया ने कहा कि संस्कृति अध्यक्ष की भूमिका उनके लिए अविस्मरणीय रही। खुद की खोज थीम पर अपने कार्यकाल के दौरान की प्रमुख गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कमेटी तथा संस्कृति की सदस्याओं के सहयोग हेतु उन्होंने आभार व्यक्त किया। जेनी मोमाया ने रमा पटवा व उनकी टीम को सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ दीं।

संस्कृति शिखर ट्रस्ट की कविता भाटिया ने स्वास्थ्य, सोलर सिस्टम, पेयजल, शौचालय आदि से जुड़ी सुविधाओं के लिए संस्था द्वारा दिए गए आर्थिक सहयोग की जानकारी दी। संस्कृति की संस्थापक सदस्य रेणु जीवन ने कहा कि हर्ष का विषय है कि वर्ष दर वर्ष संस्था अपने उद्देश्यों को नए आयाम प्रदान कर रही है। उन्होंने तत्काल पूर्व अध्यक्ष जेनी मोमाया व उनकी कमेटी के उल्लेखनीय कार्यकाल की सराहना करते हुए आशा जतायी कि रमा पटवा के नए विचारों तथा उत्साह के साथ टीम संस्था की गरिमा में चार चाँद लगाएगी।

आकांक्षा शाह तथा रूपा शाह द्वारा प्रस्तुत नृत्यात्मक गणेश वंदना से आरंभ हुए समारोह में शहर की विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं दीपशिखा, जीतो, उत्कर्ष आदि की प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रतीक्षा प्रशांत ने किया। समापन अकिता मल्होत्रा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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