राज्यभर में 4.5 लाख मकानों का होगा निर्माण : रेवंत रेड्डी
हैदराबाद, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घोषणा की कि इंदिरम्मा सरकार के पहले वर्ष में प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 3,500 इंदिरम्मा मकानों के हिसाब से राज्यभर में कुल 4.5 लाख मकानों का निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक घर के निर्माण के लिए 5-5 लाख रुपये दिए जा रहे हैं, जो देशभर में किसी भी अन्य राज्य में नहीं दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह ऐलान भी किया कि इंदिरम्मा घरों के लिए अतीत में लिये गये ऋण माफ कर दिए जाएंगे।
रेवंत रेड्डी ने आज सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पोन्नम प्रभाकर, जूपल्ली कृष्णा राव आदि के साथ मिल कर इंदिरम्मा मकान मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश में घर बनाकर गरीबों को आत्म-सम्मान दिलाने के लिए दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए अपना घर होना चाहिए और उस सपने को पूरा करने के लिए इंदिरा गांधी ने गरीब परिवारों के लिए घर बनवाया था। रोटी, कपड़ा और मकान नारे को इंदिरा गांधी ने ही व्यवहार में लाया था। सीलिंग एक्ट के माध्यम से आदिवासियों और दलितों को बचत भूमि वितरित कर घरों का निर्माण किया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि बढ़ी हुई कीमतों के अनुसार अब उनकी सरकार एक मकान के निर्माण के लिए लाभान्वितों को 5 लाख रुपये दे रही है। ग्रीन चैनल के माध्यम से लाभार्थियों को 5 लाख रुपये प्रदान किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले वर्ष में जिनके पास अपनी जमीन है उनको मकान आवंटित किये जाएंगे। दिव्यांगों, खेतिहर मजदूरों, सफाई कर्मचारियों, दलितों, आदिवासियों, विधवाओं और ट्रांसजेंडरों को मकान आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। सीएम ने कहा कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री और एनटीआर के मुख्यमंत्री रहने के दौरान आदिवासियों को आवास आवंटित किये गये थे। उसके बाद उन्हें उचित तरीके से आवास आवंटित नहीं किये गये। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आईटीडीए की परिधि वाले निर्वाचन क्षेत्रों में आदिवासियों के लिए इंदिरम्मा घरों के आवंटन में एक विशेष कोटा देगी। लाभार्थियों के लिए प्रत्येक मंडल केंद्र में मॉडल घरों का निर्माण किया जाएगा। हम लाभार्थियों को उनकी आर्थिक सुविधा के अनुसार अतिरिक्त कमरे बनाने की छूट दे रहे हैं।
रेवंत रेड्डी ने बताया कि वर्ष 2004 से 2014 तक के दस साल में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 25 लाख इंदिरम्मा घर बनाए थे, जबकि चुनाव प्रचार सभाओं में आलोचना करने वाले केसीआर ने दस साल के शासन के दौरान केवल एक लाख डबल बेडरूम घरों का निर्माण शुरू किया और इनमें केवल 65 हजार घर पूरे हुए। उन्होंने बताया कि केसीआर सरकार द्वारा अधूरे छोड़ दिये गये 35 हजार घरों को पूरा करने के लिए हमारी सरकार ने 195 करोड़ रुपये आवंटित किये। केसीआर ने डबल बेडरूम घरों का निर्माण दस साल में पूरा नहीं किया, लेकिन छह महीने में खुद के लिए प्रगति भवन और वास्तु के लिए नया सचिवालय बनाया तथा गजवेल और जनवाड़ा में फार्म हाउस भी बनाया। इतना ही नहीं केसीआर ने बीआरएस पार्टी भवनों के लिए एकड़ों जमीन आवंटित की। उन्होंने इस बात के लिए केसीआर की आलोचना की कि अपने कार्यकाल के दौरान प्रत्येक कॉलोनी में एक बेल्ट शॉप खोली थी। इस मौके पर सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर कार्यान्वयन में त्रुटियां होंगी तो सरकार की विश्वसनीयता को नुकसान होगा और गरीबों के साथ अन्याय होगा। इस बात को ध्यान में रख कर इंदिराम्मा घरों के लिए आये आवेदनों की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का भी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि नींव स्तर से लेकर स्लैब स्तर तक हर चरण में तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग कर यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल योग्य लोगों को ही इंदिरम्मा घर मिले। उन्होंने कहा कि केसीआर सरकार द्वारा रद्द कर दिये गये आवास विभाग को बहाल करने के अलावा विभाग को पूरा स्टाफ दे रहे हैं।
केसीआर की सोच में बदलाव आए
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कि कांग्रेस सरकार ने अतीत में 16 हजार करोड़ के अधिशेष बजट के साथ राज्य का खजाना केसीआर को सौंपा था, लेकिन दस साल के शासन के बाद केसीआर ने कांग्रेस को 7 लाख करोड़ का कर्ज सौंप दिया। उन्होंने कहा कि केसीआर के शासनकाल में हुए लिए गए कर्ज और गलतियों को सुधारने में उन्हें समय लग रहा है। रेवंत रेड्डी ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में काम कर चुके केसीआर को अपने अनुभव का उपयोग कर राज्य सरकार को सलाह और सुझाव देना चाहिए। एकीकृत आंध्र-प्रदेश में जब चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री थे, तब विपक्ष नेता के रूप में राजशेखर रेड्डी और जब राजशेखर रेड्डी सीएम थे, तब विपक्ष के नेता के रूप में चंद्रबाबू नायडू सरकार को आवश्यक सलाह और सुझाव देते थे। उन्होंने कहा कि केसीआर को वह परंपरा जारी रखनी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि जब वे विपक्ष में थे, तब उन्होंने मंत्रियों से मुलाकात कर कोडंगल निर्वाचन क्षेत्र में विकास व कल्याण कार्यों के लिए सैकड़ों करोड़ लिए। उन्होंने कहा कि केसीआर ने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों को आपस में न मिलने की नौबत लायी है। केसीआर ने दुश्मन देश के सैनिकों की तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष को बदल दिया। उन्होंने कहा कि कम से कम अब केसीआर में मानसिक परिवर्तन आना चाहिए। इस अवसर पर रेवंत रेड्डी ने कहा कि तमिलनाडु में चाहे कितने भी राजनीतिक विरोधाभास क्यों न हों, लेकिन राज्य के हितों के लिए वे पार्टियों की परवाह किये बिना एकजुट रहते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के पास राज्य से संबंधित मुद्दों का समाधान के लिए प्रदेश के 17 लोकसभा और सात राज्यसभा सदस्यों को आवश्यक सुझाव व सलाह देने के लिए केसीआर को आगे आने हेतु आमंत्रित किया।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि हम केसीआर के दस साल के शासनकाल के दौरान लिये गये कर्ज पर प्रति महीने 6,500 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान कर रहे है। केसीआर के कर्ज पर ब्याज राज्य में कर्मचारियों के वेतन पर खर्च के बराबर है। उन्होंने कहा कि हमारे शासन की बागडोर संभालने के बाद लोकसभा चुनाव आचार संहिता के कारण छह महीने बीत गये थे। उसके बाद केवल पांच महीने ही वे शासन पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सके। हमने इन पांच महीनों के भीतर 21 हजार करोड़ रुपये का फसल ऋण माफ किया और बड़ी संख्या में नौकरियां दी। उन्होंने कहा कि विकास और कल्याण के बीच संतुलन बनाकर उनकी सरकार आगे बढ़ रही है, तो केटीआर और हरीश राव गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं।(डीवी भीमाशंकर)