एसएलबीसी की 43वीं तिमाही समीक्षा बैठक संपन्न
हैदराबाद, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी), तेलंगाना द्वारा सितंबर-2024 को समाप्त तिमाही के लिए तेलंगाना राज्य में बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा हेतु आज महात्मा ज्योतिराव फुले प्रजा भवन, हैदराबाद में 43वीं तिमाही समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री और वित्त एवं योजना, ऊर्जा मंत्री मल्लूभट्टी विक्रमार्का, वफढषि, विपणन, सहकारिता और हथकरघा एवं कपड़ मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव, सरकार के विशेष मुख्य सचिव (वित्त) के. रामवफढष्ण राव, आईएएस, सरकार के वफढषि निदेशक डॉ. बी. गोपी, आईएएस, आरबीआई, हैदराबाद के क्षेत्रीय निदेशक कमल प्रसाद पटनायक, नाबार्ड, हैदराबाद के सीजीएम उदय भास्कर, एसबीआई, हैदराबाद सर्कल के सीजीएम राजेश कुमार, एसबीआई के जीएम व एसएलबीसी, तेलंगाना के संयोजक प्रकाशचंद्र बरोर, तेलंगाना सरकार, भारत सरकार के विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, आरआरबी, एसएफबी, भुगतान बैंकों के अधिकारी, वफढषि और एमएसएमई के विभिन्न संघों के प्रतिनिधि व अन्य ने भाग लिया।
एसबीआई, हैदराबाद सर्कल के सीजीएम राजेश कुमार ने सितंबर-2024 तिमाही के दौरान तेलंगाना में बैंकों के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए बताया कि बैंकों की कुल जमा राशि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक 23,312 करोड़ रुपये बढ़ी और कुल जमा राशि 8,03,265 करोड़ रुपये रही। बैंकों के पास कुल अग्रिम राशि में 42,800 करोड़ रुपये की वफद्धि हुई तथा सभी बैंकों के अग्रिम राशि 10,21,858 करोड़ रुपये हो गई। सीडी अनुपात 100 प्रतिशत से अधिक बना हुआ है तथा तिमाही के अंत तक यह 127.21 प्रतिशत पर बना हुआ है। पहली दो तिमाहियों के दौरान बैंकों ने 44,438 करोड़ रुपये के अल्पावधि उत्पादन त्रण वितरित किए, जो खरीफ लक्ष्य का 81.57 प्रतिशत है। बैंकों ने वफढषि संबद्ध, वफढषि अवसंरचना तथा वफढषि सहायक गतिविधियों के लिए निवेश त्रण के रूप में 82,632 करोड़ रुपये वितरित किए, जो लक्ष्य का 71.40 प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष में अब तक बैंकों ने प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत 376 करोड़ रुपये के शिक्षा त्रण और 1851 करोड़ रुपये के आवास त्रण वितरित किए। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) खंड के लिए बैंकों ने 79,659 करोड़ रुपये वितरित किए, जो लक्ष्य का 61.45 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंकों ने 5328 करोड़ रुपये मंजूर किए, जो वार्षिक लक्ष्य का 41.16 प्रतिशत है। बैंकों ने मिलकर प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत उधारकर्ताओं के विभिन्न वर्गों को 1,66,687 करोड़ रुपये की राशि वितरित की, जो लक्ष्य का 63.58 प्रतिशत है।
वित्तीय समावेशन का विवरण देते हुए राजेश कुमार ने बताया कि वित्तीय सेवा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, राज्य में कोई भी ग्रामीण पेंद्र बैंकिंग सुविधा से वंचित नहीं है। राज्य में बैंकों के खातों में 121.52 लाख पीएमजेडीवाई खाते हैं और 98.76 लाख यानी 81.27 प्रतिशत पीएमजेडीवाई खाते आधार से जुड़े हैं। 87.86 लाख यानी 72.30 प्रतिशत पीएमजेडीवाई खातों को रूपे कार्ड जारी किए गए हैं।जहाँ तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का सवाल है, बैंकों ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 174.71 लाख ग्राहकों और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत 78.61 लाख ग्राहकों को कवर किया है। 20.55 लाख ग्राहकों ने अटल पेंशन योजना के लिए सदस्यता ली। पीएम स्वनिधि किश्त 1 के तहत बैंकों ने 4,25,567 आवेदनों को मंजूरी दी है और 4,22,603 स्ट्रीट वेंडर्स को त्रण वितरित किया गया। किश्त 2 के तहत बैंकों ने 2,16,402 आवेदनों को मंजूरी दी और 2,10,890 स्ट्रीट वेंडर्स को त्रण वितरित किया गया। किश्त 3 के तहत बैंकों ने 67,081 आवेदनों को मंजूरी दी और 60,486 वितरित किये। वफढषि अवसंरचना निधि के तहत, बैंकों ने अब तक 3200 करोड़ रुपये के संचयी लक्ष्य के मुकाबले 2864 करोड़ रुपये मंजूर किए।
वफढषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने वफढषि और संबद्ध गतिविधियों के तहत वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पार करने पर ध्यान पेंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वफढषि अर्थव्यवस्था के विकास पर ध्यान पेंद्रित करने में बैंकों से सहयोग माँगा। उन्होंने बैंकों से वफढषक समुदाय को समय पर त्रण वितरित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने की अपील की। उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का ने विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने में बैंकों के प्रयासों की सराहना करते हुए बैंकों से वफढषि, कमजोर वर्गों और स्वयं सहायता समूहों को त्रण देने पर अधिक ध्यान पेंद्रित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक सूक्ष्म उद्यमों को त्रण से जोड़ा जाना चाहिए, जिससे परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। प्राथमिकता क्षेत्र त्रण के दृष्टिकोण से उन्होंने बैंकों को सलाह दी कि वह कमजोर वर्गों को वफढषि, आवास और शिक्षा त्रण पर विशेष ध्यान देते हुए प्राथमिकता क्षेत्र त्रण में अधिक निवेश करें। उन्होंने बैंकों को राज्य के सामाजिक विकास में भागीदारी करने के लिए राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने सभी बैंकों से राज्य सरकार की एक अन्य प्रमुख योजना इंदिरा महिला शक्ति योजना को सभी आवश्यक सहायता देने की अपील की, जो स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है। इसमें सौर ऊर्जा संयंत्रों सहित संभावित आय सफजन गतिविधियों को त्रण प्रदान करना शामिल है।
विशेष मुख्य सचिव (वित्त) के. रामवफढष्ण राव, आईएएस ने राज्य में 127 प्रतिशत से अधिक के सीडी अनुपात पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में राज्य में किसानों की प्रति व्यक्ति आय कम होने पर चिंता व्यक्त की और किसानों की आय बढ़ाने के लिए रचनात्मक रणनीति बनाने हेतु बैंकों से अपील की। उन्होंने बैंकों को आय के स्तर को बढ़ाने के लिए ऑयल पाम, बागवानी, डेयरी जैसी संबद्ध गतिविधियों के वित्तपोषण पर अधिक ध्यान पेंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों के मद्देनजर आम जनता के बीच अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बैंकों से प्रभावी रूप से रोजगार सफजन के लिए ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास पर अधिक ध्यान पेंद्रित करने पर जोर दिया।
अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक के आरडी कमल प्रसाद पटनायक, नाबार्ड के सीजीएम उदय भास्कर ने विचार व्यक्त किए। बैठक का समापन एसएलबीसी, तेलंगाना के संयोजक और एसबीआई के जीएम प्रकाश चंद्र बरोर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।