एस्की का 68वाँ स्थापना दिवस मनाया गया

हैदराबाद, भारतीय प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज (एस्की) ने हैदराबाद के अपने बेला विस्टा परिसर में 68वाँ स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाया। समारोह को संबोधित करते हुए एस्की के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के. पद्मनाभैया ने कहा कि एस्की ने राष्ट्र की सेवा करते हुए 68 वर्ष पूरे करते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई है। इसके बावजूद इस पहचान के आधार पर आराम से बैठा नहीं जा सकता। हमें समय के साथ विकसित होना चाहिए। जब तक हम परिवर्तन के अनुकूल नहीं होते, हम डायनासोर की तरह बनने का जोखिम उठाते हैं। उन्होंने समय की जरूरतों के साथ काम करने पर जोर देते हुए कहा कि कोई संगठन एक दिन में नहीं बनाया जाता है। सभी की भूमका महत्वपूर्ण होती है, इसलिए हर व्यक्ति को अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभानी चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित के भारत सरकार, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग सचिव वी. श्रीनिवास ने विकसित भारत-प्रशासन का परिवर्तन विषय पर व्याख्यान में सार्वजनिक नीति को आकार देने में एस्की की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन में उत्कृष्टता लाने तथा पूरे देश में सुशासन को आगे बढ़ाने में संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पंच प्रण में आधारित सुशासन के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत का मार्गदर्शन करने के उद्देश्य से पांच प्रमुख संकल्प लिये गये हैं। ये प्रस्ताव औपनिवेशिक युग की मानसिकता को खत्म करने, राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने, एकता और कर्तव्य को प्राथमिकता देने, नागरिकों को सशक्त बनाने और न्यूनतम सरकार के साथ अधिकतम शासन सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं। एस्की इसके लिए केंद्रीय घटक के रूप में सरकार और नागरिकों के बीच की खाई को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहा है, जिससे शासन अधिक पारदर्शी, कुशल और सुलभ हो सके। पंच प्राण भारत के सुशासन ढांचे के मूल्यों को समाहित करता है, जो देश को विकसित भारत की ओर ले जाता है।

केंद्रीय सचिव ने आगे कहा कि देश पच्चीस साल बाद स्वतंत्रता के 100 साल मनाने की तैयारी कर रहा है। अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार का एजेंडा डिजिटल सशक्तिकरण, संस्थानों में सुधार और एक परिवर्तित शासन प्रणाली की कल्पना करता है। सीपीजीआरएएमएस, कर्मयोगी योग्यता मॉडल, सरकार में दक्षता बढ़ाना, राज्य/जिला मेट्रिक्स विकसित करना, मेरिटोक्रेसी को पहचानना, पीएम गतिशक्ति, आकांक्षी जिला कार्यक्रम – शासन में नवाचार, ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय पुरस्कारों की योजना, क्षेत्रीय सम्मेलन, सुशासन सप्ताह, पेंशनभोगी कल्याण में सुधार, विजन इंडिया-2047, चिंतन शिविर शासन का एक भविष्यवादी मॉडल, चिंतन शिविर के पाठों को शासन मॉडल में अनुवाद करना, राज्यों के साथ काम करना आदि कई तरह के कार्यक्रम इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शुरू किये गये हैं। एस्की के महानिदेशक डॉ. एन. रमेश कुमार ने भी अवसर पर अपने विचार रखे।

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