सांप्रदायिक दंगा मामले में 8 लोगों को उम्रकैद
जयपुर, राजस्थान के टोंक के मालपुरा दंगा मामले में जयपुर की विशेष अदालत ने एक केस में 8 दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। दूसरे केस में 5 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। करीब 24 साल पहले सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इसमें 6 लोगों की मौत हुई थी। दंगे के दौरान हत्या करने वाले अभियुक्तों इस्लाम, मोहम्मद इशाक, अब्दुल रज्जाक, इरशाद, मोहम्मद जफर, साजिद अली, बिल अहमद और मोहम्मद हबीब को आजीवन कारावास की सज़ा से दंडित किया गया है।
अदालत की पीठासीन अधिकारी श्वेता गुप्ता ने अभियुक्तों पर ज़ुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि अभियुक्तों ने धारदार हथियारों से इस निर्ममतापूर्ण घटना को अंजाम दिया था। ऐसे में अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक जवाहर सिंह ने अदालत को बताया कि मामले में मृतक की विधवा धन्नी देवी ने 10 जुलाई, 2000 को मालपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया था कि वह अपने पति हरिराम के साथ खेत पर जा रही थी। इस दौरान अभियुक्तों ने धारदार हथियार से उसके पति पर हमला बोल दिया और उसके शरीर पर कई जगह वार किए, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान मृतक की विधवा के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि घटना के समय मालपुरा में दो संप्रदायों के बीच दंगा हुआ था। मृतक की अभियुक्तों के साथ कोई रंजिश भी नहीं थी।