व्यक्ति की वाणी और समय बेशकीमती : राजेश्वरी मोदी
हैदराबाद, व्यक्ति की वाणी और समय बहुत ही बेशकीमती हैं। हम जो सोचते हैं, वह जीवन को बहुत ही ज्यादा प्रभावित करता है। व्यक्ति अपनी वाणी से ही जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकता है। उक्त उद्गार अत्तापुर स्थित एस.एन.सी. कन्वेंशन में नारायण रेकी सत्संग परिवार हैदराबाद तेलंगाना द्वारा कुबेर का खजाना विषय पर आयोजित मोटिवेशनल सत्र में नारायण रेकी सत्संग परिवार की संचालिका व प्रभावी प्रेरक वक्ता राजेश्वरी मोदी (राजोदी) ने जीवन में वाक्य और समय की महत्ता से जीवन में पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी देते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की वाणी का बहुत असर होता है।
वाणी से ही सारे प्रश्नों का उत्तर, समस्याओं का समाधान मिल जाएगा। आपकी वाणी का आपके मन पर, धन पर, सम्मान पर और आपके सत्संग में आने वाले व्यक्ति, वर्ष, परिस्थिति, वातावरण, समय, धन, मौसम, यात्रा, भूमि पर प्रभाव पड़ता है। ये वाणी मजाक नहीं है। आपके मुख से निकले शब्दों का असर होता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति हर बार समय के साथ बात करता है कुछ अच्छा होता है तो समय साथ दे रहा है और कुछ बुरा होता है तो समय ठीक नहीं चल रहा है।
समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है
व्यक्ति यदि समय का सदुपयोग करता है तो उसका भविष्य अच्छा बनता है और यदि वह युवाओं की तरह यूं ही टाइम पास कर रहा है तो उसके भविष्य पर प्रभाव पड़ता है। राजोदी ने आगे कहा कि देश की पीढ़ी एक जगह पर इकट्ठा होकर टाइम पास करती है, गप्पेबाजी में समय गंवाती है और दिनभर पांच सात बार तो व्यक्ति समय को ही याद करता है कि क्या समय हुआ है? यह समय ही निर्धारित करता है कि कुबेर का खजाना किसके पास जाएगा।
जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है उस व्यक्ति का समय भी आदर करता है उसे सुख देता है। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा जो विद्यार्थी समय का सदुपयोग कर लेते हैं वे पढ़ लिखकर डॉक्टर, आईएएस बन जाते हैं और हर जगह आदर सम्मान प्राप्त करने के साथ कमाई भी करते हैं क्योंकि समय उनके साथ है। जो लोग समय को बर्बाद करते हैं समय का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें मात्र दुख मिलता है।
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समय के साथ-साथ वाणी की भी समझदारी रखें
समय भी सारा सुख उसके ही खाते में डिपॉजिट करता है जो समय का सदुपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम कुछ भी बोल मुख से बोलते हैं तो जो शब्द निकलते हैं उसमें नेगेटिव एनर्जी होती है। इस नेगेटिव एनर्जी को नारायण शास्त्र धूल कहता है। जो मिट्टी उड़के हमारे घर में आती है वो धूल तो बाहरी है जो कपड़ा मारने से साफ हो जाती है, पर यह जो नेगेटिव एनर्जी है इसे नारायण शास्त्र बारीक धूल कहता है, जिसे बहुत शाणी कहा जाता है। मारवाड़ी में शाणी शब्द के दो अर्थ होते हैं। एक शाणी समझदार या बहुत चालाक। यह चालाक भी है और समझदार भी है। इसलिए जरूरी है कि समय के साथ-साथ वाणी की भी समझदारी रखें। सकारात्मक रूप से सदुपयोग करें तो फिर समय बदलते देर नहीं लगेगी।
अवसर पर मुंबई की अंजू, मोना, एसएनसी कन्वेंशन के सुनील गुप्ता, निशा गुप्ता, एनआरएसपी सेंटर हैदराबाद की स्नेहलता केड़िया, रमेश केड़िया, इवेंट मैनेजर पायल संदीप, साधिकाएं अनिता केड़िया, मोनिका राठी, शीतल सोनी, पूजा काबरा, अनू दमानी, संगीता अग्रवाल, अनिता बजाज, पायल भट्टड़, रजनी माहेश्वरी, सविता अग्रवाल, पूजा अग्रवाल, कविता अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, सरिता सोमाणी, प्रीति टिबारूमल, किरण राठी, सुषमा बल्दवा, अंकित राठी, स्नेह अग्रवाल, लावण्या, सीमा जायसवाल, मीनाक्षी बाहेती, अर्चना सिंह, कोमल बजाज, ऋतु बंसल, सीमा बाहेती, सीमा मित्तल, ऋतु भालोटिया, स्नेहा अग्रवाल, माधुरी राठी, शीला धूत, कविता तोष्णीवाल, निहारिका अग्रवाल, ज्योति बांगड, स्वाति लोया, ममता हेडा, अर्चना पांडेय, नेहा अग्रवाल, गायत्री केड़िया व अन्य ने सहयोग प्रदान किया।
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