सच्चा गुरु होता है आशाओं का सवेरा : सुमंगलप्रभाजी

हैदराबाद, गुरु आशाओं का सवेरा है, दुःखों-गमों को अस्त करने वाला है। जीवन के अंदर सभी दुःखों को दूर करने वाला सच्चा गुरु होता है। उक्त उद्गार सिकंदराबाद मारुति विधि जैन स्थानक में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, सिकंदराबाद के तत्वावधान में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए डॉ. सुमंगलप्रभाजी म.सा. ने व्यक्त किये।

म.सा. ने कहा कि चातुर्मास का शुभारंभ व गुरु पूर्णिमा का दिवस जीवन में श्रद्धा-भावना जीवन जागृत करता है। हृदय में जो विराजमान गुरु हैं, उनके प्रति अनंत श्रद्धा, निष्ठा और आस्था का भाव सदा रखें। गुरु शिल्पी होते है, अनगढ़ पत्थर को गढ़कर आकर्षक मूर्ति का रूप देते हैं। इसी तरह गुरु भ्रम को दूर करने वाले होते हैं। इसलिए गुरु को ब्रह्मा की उपाधि दी जाती है। इसी प्रकार गुरु जीवन में शंकाओं को दूर करते हैं। गुरु को शंकर की उपाधि दी जाती है।

गुरु हमारे भीतर की भ्रम और भ्रांतियाँ होती हैं, उनको दूर करने वाला है। इसी वजह से उन्हें विष्णु की उपमा दी जाती है। गुरु ब्रह्मा है, विष्णु और महेश्वर हैं। इसी तरह गुरु चेले के जीवन का लक्ष्य निर्धारित करते हैं और दुर्गतियों से बचाते हुए पवित्र मार्ग बताते हैं। गुरु दुर्गा के समान दुर्गुण को दूर करते हैं। हमारे जीवन को दुर्गति से बचाते हैं। जिस जीवन में गुरु होते हैं, जीवन की अच्छी शुरुआत होती है। जीवन में प्रतिदिन नतमस्तक होकर उनके चरणों में प्रणाम करना चाहिए।

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गुरु की महिमा और चातुर्मास प्रारंभ की जानकारी

म.सा. ने कहा कि गुरु हमें परमात्मा का मार्ग बताते हैं, इसलिए परमात्मा से बड़े हैं, गुरु से पहले उन्हें वंदन करना है। जो गुरु नहीं बनाता, उनका जीवन दुष्कर होता है। राजा कुमारपाल ने अपना गुरु हेमचन्द्रजी को बनाया, तो उनका जीवन का सारा अधंकार दूर हो गया। इसी तरह श्रीरामजी के गुरु वशिष्ठ थे, इसलिए श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाने जाते हैं। आज करोड़ों लोग उनके नाम को श्रद्धा आस्था से पुकारते हैं। जिसने गुरु बना लिया, उसका बेड़ा पार हो गया।

संघ के अध्यक्ष गौतमचंद गुगलिया ने बताया कि आज से चातुर्मास प्रारंभ हो चुका है। प्रवचन के पूर्व ठीक 9 बजे से पैसठिया छंद जाप प्रारंभ होगा। 9.15 से 10.15 तक प्रवचन और उसके पश्चात मांगलिक दी जाएगी। आज नमो विहार सेवा द्वारा प्रकाशित पैंसठिया छंद की प्रार्थना पत्रिका का विमोचन संघ के संघपति संपतराज कोठारी व अन्य पदाधिकारियों के उपस्थित में किया गया। सभा का संचालन करते हुए महामंत्री सुरेन्द्र कटारिया ने बताया कि शुक्रवार, 11 जुलाई से नवकार महामंत्र का जाप सुबह 7 से शाम 4 बजे तक प्रतिदिन होगा।

जाप में सहजोड़े पति-पत्नी, भाई-बहन, सास-बहू, देवरानी-जेठानी हिस्सा ले सकते हैं। प्रतिदिन सुबह 7 बजे से प्रार्थना, दोपहर 2.30 से 3.30 बजे तक धर्म चर्चा, सूर्यास्त के पश्चात प्रतिक्रमण में सभी से भाग लेने का आग्रह किया गया। चातुर्मास की विनती से लेकर, विहार, नगर प्रवेश, चातुर्मास मंगल प्रवेश की रिपोर्ट पेश कर अर्थ, कार्य में सहयोग देने वालों का आभार व्यक्त किया गया।

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