निष्पक्ष, कठोर, मैत्रीपूर्ण और पेशेवर पुलिसिंग को अपनाएँ : डीजीपी
हैदराबाद, तेलंगाना पुलिस महानिदेशक बी. शिवधर रेड्डी ने कहा कि आधुनिक पुलिसिंग का अर्थ है जनकेंद्रित पुलिसिंग और एक जिम्मेदार दृष्टिकोण। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में निष्पक्ष और कठोर होने के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों को मैत्रीपूर्ण पद्धति व पेशेवर पुलिसिंग के साथ कार्य करना चाहिए। इसी के आधार पर पुलिस जन सामान्य के दिलों में अपना स्थान बना सकती है।
शिवधर रेड्डी ने पुलिस महानिदेशक का पद्भार संभालने के बाद पहली बार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष, कठोर, मैत्रीपूर्ण और पेशेवर पुलिसिंग के चार सिद्धांतों को कड़ाई से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष पुलिस का अर्थ कानून के समक्ष सभी के साथ समान व्यवहार करना, कठोर पुलिसिंग का तात्पर्य बिना किसी भय या भेदभाव का पालन करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखना और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग का आशय जनता का विश्वास जीतते हुए उनके साथ मिलकर सहयोग करने से है।
पेशेवर पुलिसिंग में हो आधुनिक तकनीक का समन्वय
पेशेवर पुलिसिंग का अर्थ प्रतिबद्धता, क्षमता, अनुशासन और जिम्मेदारी के साथ अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करना है। ये चार सिद्धांत आधुनिक पुलिसिंग के मजबूत स्तम्भ हैं। इसके साथ ही हमारा ध्यान मानवता पर होना चाहिए, लेकिन नैतिकता और क्षमता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुनियादी पुलिसिंग तेलंगाना पुलिस व्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने सुझाव दिया कि बीट पेट्रोलिंग, दृश्यमान पुलिसिंग (विजिबल पुलिसिंग), निगरानी, खुफिया जानकारी एकत्रित करना, आपातकालीन प्रतिक्रिया, अपराध रोकथाम, शांति और सुरक्षा और सामुदायिक पुलिसिंग जैसे पहलुओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

डीजीपी ने कहा कि न केवल अपराध के आँकड़े, बल्कि जनता का विश्वास, भरोसा और संतुष्टि भी सफलता का मानदंड होना चाहिए। बुनियादी पुलिसिंग को आधुनिक तकनीक और कृत्रिम बुद्धिमता के साथ समन्वित किया जाए, तो अपराधों को बेहतर ढंग से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इसे ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से लागू करना चाहिए। समय पर खुफिया जानकारी एकत्रित करना, त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई वर्तमान समय की आवश्यकता है।
जन केंद्रित पुलिसिंग और सड़क सुरक्षा पर बल
इस संदर्भ में हत्या, यौन अपराध, संगठित अपराध, साइबर अपराध और नशीली दवाइयों से जुड़े अपराधों की गंभीरता से जाँच की जानी चाहिए और आरोप-पत्र दाखिल किए जाने चाहिए, जिससे कि अपराधियों को जल्द से जल्द सजा प्राप्त हो सके। इस कार्य में सीसी टीवी, एआई आधारित कमांड कंट्रोल सेंटर और फोरेंसिक उपकरणों के साथ वैज्ञानिक जाँच को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

डीजीपी ने कहा कि जन केंद्रित पुलिसिंग के तहत ऐसे कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जो जनता के साथ विश्वास बनाए रखे और उनकी शिकायतों का समाधान करें, जिससे पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बढ़े। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों में भ्रष्टाचार और गैर-कानूनी व्यवहार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुशासन और पेशेवर मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए, जिसके तहत रिकॉर्ड प्रबंधन, निरंतर ऑडिटिंग और प्रदर्शन निगरानी की जानी चाहिए।
विशेषकर उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर हर साल लगभग 900 हत्याओं के मुकाबले 8 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं, जो बेहद चिंता का विषय है। इस पर तुरन्त ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए और सड़क सुरक्षा के संबंध में कड़े नियम लागू किए जाने चाहिए, जिसके तहत नशेड़ी वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
यातायात नियमों के अनिवार्य रूप से पालन पर बल
इसके साथ ही सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के अनिवार्य रूप से पालन हेतु जागरूकता कार्यक्रम को अमल में लाते हुए ज़िला स्तरीय सड़क सुरक्षा समितियों का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ ड्रग्स और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कर्त्तव्य निर्वहन में टीम वर्क, पारदर्शिता और विश्वास को जरूरी बताया।
बैठक में उपस्थिति अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) महेश मुरलीधर भागवत ने आगामी जुबली हिल्स उप-चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों की जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) वी.वी. श्रीनिवास राव ने बताया कि नव चयनित पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 अक्तूबर से तेलंगाना पुलिस अकादमी में प्रारंभ हो रहा है।
इसके लिए उम्मीदवारों को 26 अक्तूबर को उपस्थित होने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह डीएसपी प्रशिक्षण का सबसे बड़ा बैच होगा। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्वाति लाकरा, चारू सिन्हा, अनिल कुमार, संजय कुमार जैन, विजय कुमार, पुलिस आयुक्त (हैदराबाद) वी.सी. सज्जनार, जी. सुधीर बाबू (राचकोंडा), अविनाश मोहंती (साइबराबाद) एवं अन्य पुलिस इकाइयों के अधिकारी उपस्थित थे।
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