संसार के सभी रिश्ते स्वार्थ हैं: भावरत्नाश्रीजी
हैदराबाद, शाहअलीबंडा स्थित ऋषभ आराधना भवन में आयोजित चातुर्मासिक प्रवचन सभा में श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए साध्वी भावरत्नाश्रीजी म.सा. ने कहा कि अनंत उपकारी तीर्थंकर परमात्मा भव्य जीवों के बोध के लिए संसार का निरूपण करते हुए कहते हैं कि संसार और संसार के स्वजन का रिश्ता स्वार्थ से भरा हुआ है।
साध्वीजी ने कहा कि संसार के सभी जीव स्वार्थी हैं। वे उसी से प्रेम करते हैं, जिससे उनके स्वार्थ की पूर्ति होती है यानि उनका अभीष्ट पूरा होता है, उनकी इच्छा की पूर्ति होती है। सभी जीवों का सर्वश्रेष्ठ स्वार्थ सुख की प्राप्ति है। दुनिया में सांसारिक रिश्ते-नाते स्वार्थ से भरे पड़े हैं। जिन नातों से ऊपर उठकर इंसान मर-मिटने को तैयार होता है, वही दुख के समय उसे छोड़ जाते हैं। म.सा. ने कहा कि सांस टूटते ही सब रिश्ते टूट जाएंगे, सच्चे संबंधी तेरे यहीं छूट जाएंगे। स्वार्थ भरी इस दुनिया में कोई भी सच्चा रक्षक नहीं है। मनुष्य स्वार्थ का दामन पकड़ेगा तो शत्रुओं से घिरा रहेगा। स्वार्थ खुद भी मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। मनुष्य स्वार्थ के कारण अपने जीवन का मुख्य लक्ष्य भूलता जा रहा है, इसलिए स्वार्थ को भूलो, ताकि खुद को पहचान सको। स्वार्थ से ऊपर उठकर इंसान अपनी उन्नति कर सकता है। परिवार और समाज से लेकर देश को भी विकासशील बना सकता है। उन्होंने कहा कि जब इंसान में किसी चीज का स्वार्थ नहीं होगा, तो उसके सभी मित्र होंगे। उसका जीवन सुखमय होगा तथा जीवन में अपार शांति मिलेगी, जिससे वह वैराग्य की तरफ बढ़ेगा और वैराग्य से ही इंसान अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है।
चारकमान संघ के मंत्री प्रवीण नाहटा ने संघ को जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 31 अगस्त से आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व प्रारम्भ होने जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत प्रथम दिवस 31 अगस्त को दोपहर 2 बजे से नवाणु प्रकारी पूजा होगी। इसके लाभार्थी गोकुलसिंह रतनसिंह मुणोत परिवार हैं। 1 सितंबर को सुबह 10 बजे से श्री दादा गुरु की बड़ी पूजा चारकमान स्थित पार्श्व भवन में रहेगी। तत्पश्चात स्वामीवात्सल्य एकासना एवं पूजन के संपूर्ण लाभार्थी धनराज धर्मराज रांका परिवार हैं।