आँवला वृक्ष की पूजा शुभ योगों में की जाएगी
शुभ योग
इस वर्ष अक्षय नवमी पर कई दुर्लभ और पुण्यकारी योग बन रहे हैं।
वृद्धि योग- 31 अक्तूबर, शुक्रवार की सुबह 6 बजकर 17 मिनट से रातभर प्रभावी रहेगा। यह योग समृद्धि और उन्नति देने वाला माना जाता है।
रवि योग- पूरे दिन रहेगा।
शिववास योग- सुबह 10 बजकर 3 मिनट तक। इस दिन धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र भी रहेंगे।
अक्षय नवमी हिंदू धर्म में एक अत्यंत पुण्यदायी और शुभ तिथि मानी जाती है, जो हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है, जे दिव्य और औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाती है और वहीं भोजन पकाकर भगवान विष्णु और शिवजी को भोग अर्पित किया जाता है।

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यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रकृति के प्रति सम्मान और श्रद्धा भी दर्शाती है। अक्षय नवमी को श्रद्धालु व्रत रखते हैं और शाम को पूजा-अर्चना कर प्रसाद ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर लक्ष्मी-नारायण की विधिपूर्वक पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का वास बना रहता है। यह दिन विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो परिवार की खुशहाली और कल्याण की कामना से संध्या काल तक उपवास रखती हैं।
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