आंध्र सरकार ने पेश किया 2.94 लाख करोड़ रुपये का बजट

अमरावती, आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.94 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त मंत्री पय्यवुला केशव ने कहा कि इस बजट का उद्देश्य राज्य की वित्तीय स्थिति को वापस पटरी पर लाना है।

वित्त मंत्री ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित राजस्व घाटा करीब 34,743.38 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 2.12 प्रतिशत) और राजकोषीय घाटा लगभग 68,742.65 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 4.19 प्रतिशत) रहने का अनुमान है।

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केशव ने नवगित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गबंधन (राजग) सरकार के दूसरे विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए कहा, आज मैं जो बजट प्रस्ताव प्रस्तुत कर रहा हूँ, वह राज्य की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए तथा धन सृजन के माध्यम से राज्य को वित्तीय रूप से फिर खड़ा करने के लिए तैयार किया गया है।
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.94 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें राजस्व व्यय 2.36 लाख करोड़ रुपये और पूँजीगत व्यय 32,713 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में पंचायत राज और ग्रामीण विकास के लिए 16,739 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। इस विभाग का प्रभार उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण के पास है।

वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में स्कूली शिक्षा के लिए कुल 29,909 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा एवं परिवार कल्याण के लिए 18,421 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने अनुसूचित जाति (एससी) क्षेत्र के कल्याण के लिए 18,497 करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 7,557 करोड़ रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 39,007 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 4,376 करोड़ रुपये आवंटित किए है। नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग को 11,490 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए केशव ने कहा कि सरकार योजनाबद्ध एवं सतत शहरी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जल संसाधन विभाग को 16,705 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए उन्होंने कहा कि एन. चंद्रबाबू नायुडू नीत सरकार सिंचाई क्षेत्र को सर्वेच्च प्राथमिकता देती है और हर खेत तक पानी पहुँचाने के लिए एक व्यापक नई जल नीति तैयार कर रही है। इसी तरह, केशव ने ऊर्जा विभाग के लिए 8,207 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। परिवहन, सड़क तथा भवन विभाग को 9,554 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर हमला बोलते हुए केशव ने कहा कि जब पिछली सरकार सत्ता से बाहर हुई तो राज्य की वित्तीय स्थिति ढहने की कगार पर थी। विपक्षी दल वाईएसआरसीपी के सदस्यें ने आज के सत्र का बहिष्कार किया।(भाषा)

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