नहीं रहे कला संग्राहक युद्धवीर पुरस्कार ग्रहिता जगदीश मित्तल

हैदराबाद, प्रसिद्ध कला संग्राहक पद्मश्री जगदीश मित्तल नहीं रहे। आज शाम उनका निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वे कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार बुधवार, 8 जनवरी को जुबली हिल्स स्थित महाप्रस्थानम में किया जाएगा। जगदीश मित्तल एवं कमला मित्तल की असाधारण उपलब्धियों, अद्वितीय कलात्मक जुनून और भारतीय कला की दुनिया में योगदान को ध्यान में रखते हुए 2007 में 16वें युद्धवीर स्मारक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

जगदीश मित्तल का जन्म 16 सितंबर 1925 को उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के निकट स्थित सिकंदराबाद में हुआ था। उन्होंने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय में कला की शिक्षा प्राप्त की थी। वे कमला मित्तल के साथ पहली बार 1951 में कलात्मक शोध कार्य के उद्देश्य से हैदराबाद आए थे। कमला मित्तल से विवाह के बाद 1953 में उन्होंने हैदराबाद में बसने का निर्णय लिया और यहीं के हो गये। कला के क्षेत्र में शोध और अनुसंधान तथा कला वस्तुओं के संग्रहण में उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त थी। उन्होंने 1954 में भारतीय कसीदा पुस्तक का सह-लेखन किया था। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भारतीय कला के विभिन्न पहलुओं पर उनका लेखन काफी सराहा गया।

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