पालमूरू रंगारेड्डी लिफ्ट को जयपाल रेड्डी का नाम दिए जाने की निंदा की अरुणा ने
हैदराबाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डी. के. अरुणा ने पालमूरू रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई परियोजना को पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का नाम देते हुए कांग्रेस सरकार द्वारा लिए गए निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई और सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए प्रश्न किया कि आखिरकार पालमूरू परियोजना से जयपाल रेड्डी का क्या लेना-देना है, क्या भूमिका रही है?
सांसद अरुणा ने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि अरुणा ने पिता व पूर्व विधायक चिट्यम नरसीरेड्डी का नाम लेते हुए कहा कि नरसीरेड्डी ने पालमूरू रंगारेड्डी परियोजना के लिए काफी मेहनत की है और आंदोलन भी किया बल्कि रायलसीमा के नेताओं के पुरजोर विरोध के बावजूद जिद करके पालमूरू रंगारेड्डी के लिए जीओ लेकर आए थे। उन्होंने परियोजना को पूर्व विधायक चिट्यम नरसीरेड्डी का नाम देने की सलाह देते हुए कहा कि उनके पिता नरसी रेड्डी नक्सलियों के हाथों बलि हो गए, वहीं भाई को भी गोलियों से भून दिया गया। उन्होंने कहा कि इन सारी घटनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को नहीं होगी लेकिन निर्णय लेने के समय मुख्यमंत्री के पास बैठे कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ मंत्री कैसे नरसीरेड्डी को भूल गए। उन्होंने कहा कि नलगोंडा की परियोजनाओं या हैदराबाद मेट्रो रेल को पूर्व केंद्रीय मंत्री एस जयपाल रेड्डी का नाम दिया जा सकता है।
अरुणा ने आवास निर्माण कार्यक्रम को इंदिरम्मा इल्लू नाम दिए जाने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजगा) सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जारी निधियों से निर्मित आवासों को इंदिरम्मा इल्लू नाम देना गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को यदि इंदिरम्मा नाम देना ही है, तो अलग से राज्य के खर्चे से आवास निर्माण करके बांटे। उन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सरकार पर किसानों के साथ वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रैतु भरोसा योजना के अंतर्गत वर्ष में प्रति एकड 15 हजार रुपये देने का वादा करके अब सत्ता में आने के बाद 12 हजार रुपये देकर सरकार किसानों को धोखा दे रही है। उन्होंने सरकार को किसानों से माफी मांगने की मांग की।