लंबित माँगों को लेकर आशा वर्करों का विरोध प्रदर्शन, इंस्पेक्टर-एसीपी की मानवाधिकार आयोग से शिकायत
हैदराबाद, अपनी विभिन्न लंबित मांगों तथा वेतन वृद्धि की मांग लेकर आशा कर्मचारियों (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस व आशा वर्करों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। इंस्पेक्टर के थप्पड़ जड़ने के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आशा वर्करों को तितर-बितर किया। इस दौरान कुछ आशा वर्करों को चोटें भी आयीं, जिन्हें इलाज के लिए उस्मानिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बीआरएस नेताओं ने घायल आशा कर्मियों की मिजाज पुर्जी की।
बताया गया कि आज सुबह कोठी स्थित डायरेक्टेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) कार्यालय के पास बड़ी संख्या में आशा वर्कर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही थी। बड़ी संख्या में आशा वर्करों के पहुंचने की आशंका को भांपते हुए सुल्तान बाजार के सहायक पुलिस आयुक्त के. शंकर तथा सुल्तान बाजार पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर श्रीनिवास चारी के नेतृत्व में स्थिति पर नियंत्रण रखा जा रहा था। इसी दौरान पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन कर रही आशा वर्करों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मामला शांत होने के बजाय और भी उग्र हो गया। इसके बाद पुलिस द्वारा आशा वर्करों को हिरासत में लेकर पुलिस वाहनों में बैठाने की कोशिश की गई।
इस दौरान एक आशा वर्कर ने सुल्तान बाज़ार पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर श्रीनिवास चारी को थप्पड़ जड़ दिया, जो वैन का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहे थे। इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारने की जानकारी मिलते ही एसीपी के. शंकर ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों को खुली छूट दे दी। इसके बाद पुलिस ने आशा वर्कर को जबरन पुलिस के वाहनों में भरना शुरू कर दिया। इस दौरान एक आशा वर्कर की साड़ी खींचने की भी घटना हुई। हिरासत में लिए जाने के दौरान आशा वर्करों ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विधानसभा चुनावों के समय किए गए वादों को पूरा करने और आशा वर्करों का वेतन को 18 हजार रुपये प्रति माह करने की मांग की।
इसी बीच पुलिस ने डीसीएम वाहनों में आशा वर्करों को नगर के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में पहुंचा दिया, जबकि कुछ आशा वर्करों को इलाज के लिए उस्मानिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेताओं व पूर्व मंत्रियों सत्यवती राठौड़, मोहम्मद महमूद अली, गांगुला कमलाकर ने उस्मानिया अस्पताल का दौरा करते हुए घायल आशा वर्करों की मिजाजपुर्सी की।
दूसरी ओर आशा वर्करों के एक समूह ने सुल्तान बाजार के एसीपी के. शंकर, इंस्पेक्टर श्रीनिवास चारी पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हाथापाई करने, थप्पड़ मारने आरोप लगाते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग से शिकायत की। आयोग के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए आशा वर्करों ने विरोध-प्रदर्शन के वीडियो मीडिया से साझा किए। महिला आशा वर्कर द्वारा इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारने से संबंधित वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए आशा वर्करों ने बताया कि एक आशा वर्कर का पैर पुलिस की वैन में फँस गया था, इसे देखने के बाद भी इंस्पेक्टर दरवाजा बंद करने का प्रयास कर रहे थे, जिसके बाद आशा वर्कर ने अपने बचाव में पुलिस इंस्पेक्टर पर थप्पड़ जड़ दिया।