लखनऊ में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का भव्य स्वागत युवाओं के लिए प्रेरणा
लखनऊ, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के सफल मिशन के बाद, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सोमवार सुबह लगभग नौ बजे अपने गृह नगर लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे से गोमतीनगर विस्तार स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) तक उनकी यात्रा का ऐतिहासिक स्वागत किया गया।
इसके पहले हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं सहित अनेक प्रमुख लोगों ने शुक्ला का स्वागत किया। लखनऊ के त्रिवेणी नगर के निवासी शुभांशु के परिवार के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उनके माता-पिता शंभू शुक्ला और आशा शुक्ला, पत्नी कामना और बेटे कियाश सहित परिवार के सदस्यों के साथ-साथ तिरंगा लहराते और ‘‘वंदे मातरम’’ के नारे लगाते हुए उत्साही भीड़ भी मौजूद थी।
शुभांशु ने जिस सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस), लखनऊ से स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी, उसने उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के सम्मान में एक ‘‘भव्य विजय परेड’’ का आयोजन किया। सीएमएस के बच्चे सुबह से ही हवाई अड्डे पर पहुंचकर अपनी खुशी व्यक्त कर रहे थे। छात्रों ने बैंड की धुनों के साथ उनका स्वागत किया और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उत्सव के माहौल को और भी खास बनाने के लिए एक मंडली ने ढोल और वाद्य यंत्र तुरही बजाई, जबकि सीएमएस के छात्र अंतरिक्ष अभियानों और खगोलीय पिंडों से जुड़ी आकर्षक वेशभूषा में सजे थे। सीएमएस प्रबंधक गीता गांधी ने भी शुभम शुक्ला का व्यक्तिगत रूप से स्वागत किया।
‘‘भारत माता की जय’’ और देशभक्ति नारे भी लगाए गए
शुक्ला के स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर शासन-प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे। पाठक ने गुलदस्ता और अंग वस्त्र देकर शुभांशु का स्वागत किया। शुक्ला उप मुख्यमंत्री पाठक के साथ हवाई अड्डे से बाहर निकले जिसके बाद उनका काफिला हवाई अड्डे से सीएमएस स्कूल के लिए रवाना हुआ। जिस वाहन में शुक्ला सवार हुए उस पर लोगों ने जमकर पुष्पवर्षा की। अपनी एक आस्तीन पर भारतीय ध्वज और दूसरी आस्तीन पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रतीक चिह्न वाली वायुसेना की जैकेट पहने शुक्ला ने हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन किया और मुस्कुराए।
स्वागत में पहुंची भीड़ ने गगनभेदी नारों और तालियों की गड़गड़ाहट से उनका अभिवादन किया। अर्द्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों की कड़ी सुरक्षा के बीच उनका काफिला आगे बढ़ा और इस दौरान ‘‘भारत माता की जय’’ और देशभक्ति नारे भी लगाए गए। हवाई अड्डे से शुक्ला एक खुली छत वाली गाड़ी में अपने परिवार के साथ रोड शो के लिए निकले और हल्की बूंदाबांदी के बावजूद समर्थक उनकी झलक पाने और उनके स्वागत के लिए सड़कों पर कतार में खड़े थे।
रोड शो के दौरान, हवाई अड्डे से लेकर गोमती नगर विस्तार तक स्कूली बच्चों, परिवारों और अधिकारियों की भीड़ फुटपाथों पर उमड़ पड़ी। भारत के नवीनतम अंतरिक्ष नायक के सम्मान में लोग अपने हाथों में झंडे और बैनर लेकर खुशी जाहिर कर रहे थे। विभिन्न स्थानों पर लगाई गईं डिजिटल स्क्रीन पर शुक्ला और उनके अंतरिक्ष मिशन के वीडियो भी दिखाए गए। शुक्ला गोमती नगर विस्तार स्थित सीएमएस पहुंचे, जहां उनके सम्मान में विशेष समारोह आयोजित किया गया है। उन्होंने मंच पर पहुंचते ही एक बच्चे को ऑटोग्राफ दिया। सीएमएस के मंच पर शुभांशु की मां और परिजनों को बुलाया गया जहां वह अपने बेटे से लिपटकर भावुक हो गई। अंतरिक्ष में 18 दिन तक रहे लखनऊ के लाल का ऐतिहासिक स्वागत हुआ।
इसके पहले, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘आदरणीय शुभांशु शुक्ला का हम सबने हृदय की गहराइयों से स्वागत किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में अंतरिक्ष विज्ञान में जिस तरह भारत की चर्चा हो रही है, वह अद्भुत है।’’ पाठक ने कहा, ‘‘शुभांशु जी ने हमें बताया कि अंतरिक्ष से भारत और लखनऊ कैसा दिखता है। उन्होंने जो अद्भुत नजारे का वर्णन किया, वह मेरे लिए शब्दों में बयां करना कठिन है।’’
उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम सबके लिए यह गौरव का क्षण है कि लखनऊ का बेटा अंतरिक्ष में भारत का झंडा लहराकर लौटा है। लोकभवन में उनके अभिनंदन का सरकार की ओर से बड़ा कार्यक्रम रखा गया है।’’ भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भी शुक्ला का स्वागत किया और कहा कि यह गौरवपूर्ण क्षण है। एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर में शुभांशु शुक्ला का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का कार्यक्रम निर्धारित है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून को फ्लोरिडा से प्रक्षेपित हुए ‘एक्सिओम-4’ मिशन का हिस्सा थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने। अपने 18 दिवसीय मिशन के दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए और 20 ‘आउटरीच’ सत्रों में भाग लिया। शुक्ला 15 जुलाई को अपना मिशन पूरा कर अंतरिक्ष से धरती पर लौटे थे। (भाषा)
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