बंकाचर्ला परियोजना स्वीकार नहीं : भट्टी विक्रमार्का
हैदराबाद, उप-मुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायुडू से श्रीशैलम के ऊपरी हिस्से में प्रतिदिन 11 टीएमसी पानी लिफ्ट करने वाली पोतिरेड्डीपाडु लिफ्ट सिंचाई परियोजना को तुरंत रोकने का आग्रह किया। उन्होंने रविवार को सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी समेत मंत्री कोमटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, वी. श्रीहरि, पी. श्रीनिवास रेड्डी के साथ मिलकर मधिरा मंडल के वंगवीडु में 600 करोड़ रुपये की लागत से बन रही जवाहर लिफ्ट सिंचाई परियोजना की आधारशिला रखी।
अवसर पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नागार्जुन सागर की बाईं नहर के माध्यम से प्रतिदिन एक टीएमसी पानी छोड़ा जाए, तो कई लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो रही है। हालांकि, अगर आंध्र प्रदेश पोतिरेड्डीपाडु से प्रतिदिन 11 टीएमसी पानी ले जाता है, तो यह नलगोंडा और खम्मम जिलों के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पोतिरेड्डीपाडु से प्रतिदिन 11 टीएमसी पानी ले जाया जाएगा, तो श्रीशैलम परियोजना मात्र 25 दिनों में खाली हो जाएगी।
बंकाचर्ला व पोलावरम परियोजनाओं पर आपत्ति
विक्रमार्का ने आगे कहा कि सीएम रेवंत रेड्डी और सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई बंकाचर्ला परियोजना को रोकने के लिए केंद्र से और अदालतों में लड़ रहे हैं। यह परियोजना स्वीकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के विभाजन के बाद केंद्र में सत्ता में आई भाजपा और राज्य में तत्कालीन टीआरएस ने गुप्त रूप से अध्यादेश लाकर पोलावरम परियोजना के लिए आंध्र प्रदेश को सात मंडलों में स्थित दो लाख एकड़ आदिवासी भूमि दे दी।
विक्रमार्का ने कहा कि यदि एपी सीएम चंद्रबाबू नायुडू को आदिवासियों से कोई प्रेम है, तो पोलावरम परियोजना की ऊंचाई कम करें और आदिवासियों की दो लाख एकड़ जमीन बचाएं। उन्होंने आगे अनुरोध किया कि गोदावरी के ऊपरी क्षेत्रों में हमारी परियोजनाएं पूरी होने और शुद्ध जल व बाढ़ जल का हिस्सा निर्धारित होने के बाद ही बंकाचर्ला मुद्दे पर चर्चा की जाए। इस मौके पर भट्टी विक्रमार्का ने याद दिलाते हुए कहा कि विपक्ष में अपने दस वर्षों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने हर बार विधानसभा में जवाहर लिफ्ट सिंचाई योजना का जिक्र किया था, लेकिन पूर्व सरकार ने इस क्षेत्र के लोगों की जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं दिया।
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देवादुला परियोजना को मिली सर्वोच्च प्राथमिकता
विक्रमार्का ने कहा कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इस क्षेत्र के लोगों की सिंचाई समस्याओं को दूर करने के लिए 600 करोड़ रुपये की लागत से 30 हज़ार एकड़ भूमि को सिंचाई जल प्रदान करने वाली जवाहर लिफ्ट सिंचाई योजना को मंजूरी दी गई। भट्टी विक्रमार्का ने कहा कि प्रजा सरकार देवादुला परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सिंचाई मंत्री का कहना है कि देवादुला परियोजना के भूमि अधिग्रहण के लिए बिलों सहित कुल एक सौ करोड़ रुपये तक लंबित हैं। उन्होंने कहा कि ये धनराशि किश्तों में जारी की जाएगी।
विक्रमार्का ने सिंचाई अधिकारियों को इससे संबंधित विवरण वित्त विभाग को भेजने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के 17 निर्वाचन क्षेत्रों में किसानों को देवादुला परियोजना के माध्यम से सिंचाई का पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से वर्ष में दो मौसमों के लिए सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि किसानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। अधिकारी इसके लिए उचित कदम उठाएँ।
हालांकि यह परियोजना 5 लाख एकड़ को सिंचाई जल की आपूर्ति करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन इसमें और वृद्धि हुई है। वर्तमान में 6 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई का पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयकट के और बढ़ने की संभावना है। इसके मद्देनजर बढ़ने वाले आयकट के लिए सिंचाई जल देने के बारे में भी विचार करना होगा। उन्होंने सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी से इस परियोजना के लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई।
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