एआईजी हॉस्पिटल्स में बैरी मार्शल सेंटर फॉर एच पाइलोरी रिसर्च लांच
हैदराबाद, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (एआईजी) हॉस्पिटल्स, हाईटेक सिटी में आज बैरी मार्शल सेंटर फॉर एच पाइलोरी रिसर्च को प्रारंभ किया गया। इसका उद्घाटन चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर बैरी मार्शल द्वारा किया गया। इस केंद्र का उद्देश्य देश में एच. पाइलोरी के प्रसार और पेट के कैंसर की घटनाओं में कमी लाने में योगदान प्रदान करना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (एच पाइलोरी) एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो पेट को संक्रमित करते हुए छोटी आंत के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है। एच पाइलोरी संक्रमण पर शोध अध्ययन करने के लिए हाईटेक सिटी स्थित एआईजी हॉस्पिटल्स में एच पाइलोरी रिसर्च सेंटर को लांच किया गया है। इस सेंटर का नाम एच पाइलोरी बैक्टीरिया की खोज करके दुनिया भर में गैस्ट्रोएंटरोलाजी में क्रांति लाकर नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले आस्ट्रेलियाई चिकित्सक प्रोफेसर बैरी मार्शल के नाम पर रखा गया है। यह एच. पाइलोरी संक्रमण के अध्ययन और उपचार पर केंद्रित अपनी तरह का पहला केंद्र है। इस शोध सुविधा का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा मॉडल विकसित करना है। यह मॉडल एच. पाइलोरी संक्रमण का नियंत्रण तथा उपचार सुनिश्चित करता है।
एआईजी हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी ने अवसर पर कहा कि भारत के एच पाइलोरी उपभेदों में विशिष्ट आनुवंशिक विशेषताएं दृष्टिगत होती हैं, जिसके लिए संक्रमण पैटर्न और उपचार प्रतिक्रियाओं में अनुकूलित शोध की आवश्यकता है। इस कड़ी में यहां बैरी मार्शल सेंटर को लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में आम आबादी के बीच एच पाइलोरी बैक्टीरिया संक्रमण का प्रसार 50 से 60 प्रतिशत है, जो हमारे देश में मधुमेह के मामलों से लगभग दस गुना अधिक है। यह स्वास्थ्य समस्या क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस, पेप्टिक अल्सर और विशेष रूप से पेट के कैंसर का प्रमुख कारण बनती है। यह केंद्र इस प्रकार के संक्रमण के नियंत्रण तथा निदान में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। यह केंद्र लोगों को एच पाइलोरी के प्रति जागरूक करते हुए प्रारंभिक परीक्षण को प्रोत्साहित भी करेगा।