बिहार चुनाव और दमदार जीत

होता है जब अपनापन व अडिग आत्मविश्वास प्रगट,
जागती है तब जनता होता अविस्मरणीय तख़्ता पलट,
भाग जाते हैं रणक्षेत्र छोड़ दल-बदलू निठल्ले सरपट,
ग़लती नहीं दाल वहाँ और मिलती नहीं फिर से चौखट।

छला जिन्होंने बार-बार प्रजा को जंजीरों से बांधे पाँव,
आज उसने हुंकार भरी एक और चलाया अपना दाँव,
विकास माँगती है जनता देखती है वो मन का भाव,
है उसके हाथों में शक्ति कर सकती वो धूप को छाँव ।

जनता को जिन्होंने कमजोर माना डराया-धमकाया,
आज उन्हीं को जनता ने बाहर का रास्ता दिखलाया,
विपक्ष बड़बोला मिला न ठेला मुँह देखो है बिचकाया,
ढूंढें बहाना पुराना ज़माना जनता ने उसको भगाया।

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जनता को मत समझो नादान सौदा नहीं है ये सस्ता,
आँखों पर पट्टी जिन्होंने थी बाँधी चले समेट बस्ता,
चूसा था ख़ून घावों पर छिड़का नून बदला अब रस्ता,
दिखेगा अब हर गली-मुहल्ले हर बच्चा-बूढ़ा हँसता।

जनता जनार्दन ने अपनी कमान फिर से हैं संभाली,
लो आई मनभावन सरकार बिहार में बजाओ ताली,
खिलेंगे फूल लहलहाएगी फसल झूमेंगी आनंद डाली,
जुड़ेगा स्वर्णिम अध्याय नया मिटेगी अब स्याही काली।

मोनिका डागा आनंद, (चेन्नई, तमिलनाडु)

मारा चाँटा जिन्होंने हमें बाँटा ये एकता की ही ताकत,
लगाया चौक्का दिया है मौका नई सरकार का स्वागत,
महाभियान हुआ अब शुरू ख़त्म हुई पुरानी महाभारत, हर एक राज्य के हिस्से में धड़कता है संपूर्ण भारत।

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