उद्यमी शिवराम वरप्रसाद की जीवनी लोकार्पित

हैदराबाद, अफ्रीकी देशों के कॉर्पोरेट परिदृश्य को नया आकार देने वाले उद्यमी मोटपर्ती शिवराम वरप्रसाद की जीवनी अमीबा आज विशेष कार्यक्रम में लोकार्पित की गयी। माधापुर में आयोजित लेखक यंदमुरी वीरेंद्रनाथ द्वारा लिखित जीवनी अमीबा के लोकार्पण समारोह में पूर्व विधायक डॉ. जयप्रकाश नारायण एवं प्रकाशक नव साहित्य बुक हाउस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

आज यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मोटपर्ती शिवराम वरप्रसाद का जन्म आंध्र-प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले में स्थित कोव्वाली गाँव में एक साधारण कृषि परिवार में हुआ था। उन्होंने 12,000 करोड़ रुपये के कारोबार वाले एक वैश्विक समूह का नेतृत्व किया। उनकी जीवन यात्रा असाधारण रही। 1972 में एक धातुकर्मी के रूप में कॅरियर शुरू किया, तो वह 400 रुपये प्रति माह कमाते थे। ज्ञान, कड़ी मेहनत से उन्होंने स्टील, सीमेंट, रसायन, ऑटोमोबाइल, रियल इस्टेट और कपड़ा निर्माण से जुड़ी कंपनियों के एक समूह का नेतृत्व किया। इसमें भारत और विदेशों में 20,000 से अधिक कर्मचारियों का कार्यबल है।

पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. जयप्रकाश नारायण ने अपने संबोधन में कहा कि मोटपर्ती शिवराम वरप्रसाद की कहानी दृढ़ संकल्प और सरलता की शक्ति का उदाहरण है। उत्कृष्टता और कर्मचारी कल्याण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता इच्छुक उद्यमियों के लिए बेंचमार्क स्थापित करती है। लेखक यंदमुरी वीरेंद्रनाथ ने कहा कि अमीबा केवल एक किताब नहीं है। यह एक ऐसे व्यक्ति की प्रेरणादायक जीवन यात्रा है, जिसने बाधाओं को अवसरों में बदल दिया और अज्ञात क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। उनका जीवन महानता हासिल करने का लक्ष्य रखने वाले अनगिनत व्यक्तियों के लिए आशा की किरण है।

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