धर्म के आधार पर आरक्षण भाजपा को किसी हाल मंजूर नहीं : कासम वेंकटेश्वरुलू
हैदराबाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश सचिव कासम वेंकटेश्वरुलू ने स्पष्ट किया कि संविधान के विरुद्ध धर्म के आधार पर आरक्षण भाजपा को किसी हाल मंजूर नहीं है क्योंकि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के कोटे में से 10 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को देकर देश के लिए तेलंगाना को राजनीतिक प्रयोगशाला के तौर पर उपयोग करने का षड़यंत्र रच रही है। उसके इरादे भाजपा सफल नहीं होने देगी।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय श्यामाप्रसाद मुखर्जी भवन में मीडिया के समक्ष पिछड़ा वर्ग संघों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बीसी को केवल 32 प्रतिशत आरक्षण की बात कहकर जारी अध्यादेश चोरी छिपे राज्यपाल को भेजा है इस पर सभी बीसी संघ प्रतिक्रिया दें। उन्होंने प्रश्न किया कि चोरी छिपे जो अध्यादेश राज्यपाल को भेजा गया है उसे जनता के समक्ष क्यों नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पोल भाजपा जनता के बीच अवश्य खोलेगी।
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बीसी आरक्षण में मुस्लिमों को शामिल करने पर सवाल
वेंकटेश्वरुलू ने याद दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के कांग्रेसी शासन के दौरान भी इसी प्रकार बीसी के कोटे से मुसलमानों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जिसका खामियाजा बीसी वर्ग को भुगतना पडा था। उन्होंने कहा कि जीएचएमसी में बीसी कोटे से मुसलमानों को 32 सीटें दी गईं जिसपर मजलिस के पार्षद विजयी हुए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इन्हीं हरकतों के कारण इस पार्टी को खान-ग्रेस कहा जा रहा है।
वेंकटेश्वरुलू ने कांग्रेस से मांग करते हुए कहा कि कामारेड्डी डिक्लेरेशन में किए वादे के अनुसार बीसी वर्ग को स्थानीय निकाय में 42 प्रतिशत न्यायबद्ध रूप से आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि पूर्व बीआरएस शासन में जिस प्रकार बीसी आरक्षण को 34 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत किया गया था अब खान -ग्रेस (कांग्रेस) भी उसी राह पर चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एन्. रामचंदर राव एक वरिष्ठ अधिवक्ता और कानून के जानकार हैं उसी नाते से पिछडा वर्ग को 42 प्रतिशत आरक्षण में आने वाली कानूनी बाधाओं के बारे में स्पष्ट किया है ताकि इन बाधाओं को सरकार दूर कर सके। उन्होंने प्रश्न किया कि आरक्षण पर कांग्रेस ने न्यायिक विशेषज्ञों से कानूनी पहलुओं पर क्या सलाह ली है, बताये।
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