बीआरएस के पास आलोचना के सिवा दूसरा काम नहीं : भट्टी विक्रमार्का
हैदराबाद, उप-मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का ने कहा कि पिछली बीआरएस सरकार द्वारा लाखों करोड़ का कर्ज लेकर अस्त-व्यस्त कर दी गयी प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था को कांग्रेस सरकार सुधार कर वापस पटरियों पर लायी है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जनता पर कर का बोझ डाले बिना पहले वर्ष में प्राप्त हुए एक-एक रुपये को जनता के लिए सार्थक तरीके से खर्च किया गया।
भट्टी ने आज सचिवालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पिछले एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने राज्य को हर महीने की 15 तारीख के बाद ही सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने की दुर्दशा में डाल दिया था। कांग्रेस सरकार वित्तीय व्यवस्था को पटरी पर लाकर सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों को प्रति महीने 1 तारीख को ही वेतन व पेंशन दे रही है। राज्य की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने वाले बीआरएस नेता परिस्थिति को सुधारने वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना कर रहे हैं, जो अनुचित है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने पहले वर्ष में 52 हजार करोड़ का कर्ज लिया। साथ ही जोड़ा कि पिछली सरकार द्वारा लिये गये 7 लाख करोड़ और चालू वर्ष में कांग्रेस सरकार द्वारा लिये गये कर्ज पर असल और ब्याज के रूप में 64,516 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस सरकार ने राज्य को कर्ज चुकाने के लिए बार-बार कर्ज लेने की स्थिति में ढकेल दिया। उन्होंने बताया कि पहले वर्ष में कांग्रेस सरकार ने पूंजीगत व्यय के रूप में 24,036 करोड़ खर्च किया, जबकि कल्याण योजनाओं पर 61,194 करोड़ खर्च किया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं पर खर्च निधियों की जानकारी देते हुए बताया कि रैतु भरोसा के लिए 7,625 करोड़, फसल ऋण माफी के लिए 20,617 करोड़, चेयूता योजना पर 11,382 करोड़, राजीव आरोग्यश्री पर 890 करोड़, महालक्ष्मी योजना के तहत सब्सिडी सिलेंडरों पर 442 करोड़, गृह ज्योति योजना पर 1,234 करोड़, चावल सब्सिडी पर 1,647 करोड़, छात्रवृत्ति व डाइट चार्जेस पर 1,016 करोड़, बिजली सब्सिडी पर 11,141 करोड़, किसान बीमा प्रीमियम पर 1,514 करोड़, आरटीसी पर 1,375 करोड़, कल्याण लक्ष्मी पर 2,311 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष में तेलंगाना लोक सेवा आयोग का आमूलचूल बदलाव कर 56 हजार सरकारी पदों पर नियुक्तियां की। सरकार द्वारा घोषित जाब कैलेंडर के अनुसार त्रुटिहीन पद्धति में प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं का आयोजन करते हुए बेरोजगार युवाओं के जीवन में प्रकाश ला रहे है।
भट्टी विक्रमार्का ने बिजली क्षेत्र का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले एक वर्ष में सरकार ने कटौती किये बिना सभी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति की है। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में 15,623 मेगावॉट अत्यधिक बिजली की मांग है, जो वर्ष 2030 तक 22,448 मेगावॉट और वर्ष 2035 तक 31,809 मेगावॉट होने के अनुमान के अनुसार सरकार भविष्य की योजनाओं के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही समग्र अक्षय ऊर्जा नीति लाने जा रहे हैं। वर्ष 2030 तक 20 हजार और वर्ष 2035 तक और 20 हजार मेगावॉट यानी कुल 40 हजार मेगावॉट हरित ऊर्जा उत्पादन के लिए योजनाएं तैयार कर रहे हैं। महिला स्व सहायता संघों के सशक्तिकरण के लिए 4 हजार मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन में उन्हें भागीदार बना रहे है। उन्होंने बताया कि गृह ज्योति योजना के जरिए 49 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। इससे गरीब परिवारों को 1,336 करोड़ रुपये की बचत हुई। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार पिछले सितंबर से 39,067 सरकारी शैक्षणिक संस्थाओं को मुफ्त बिजली की आपूर्ति कर रही है। इस पर सरकार ने अब तक 198 करोड़ रुपये खर्च किये। उन्होंने राज्य में निर्माणाधीन भद्राद्रि, यादाद्रि बिजली प्लांटों तथा राज्य में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाये जा रहे कदमों आदि का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा उनकी समस्याओं पर प्रजावाणी कार्यक्रम द्वारा लिये गये आवेदन संबंधित विभागों को भेज कर समाधान करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।