मेट्रो भूमि अधिग्रहण के तहत चेक वितरित
हैदराबाद, हैदराबाद मेट्रो रेल के पुराने शहर में विस्तारीकरण के तहत आज 7.5 किलोमीटर लंबे एमजीबीएस-चंद्रायनगुट्टा मार्ग पर प्रभावित संपत्तियों के मालिकों को लगभग 20 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया।
हैदराबाद जिला कलेक्टर कार्यालय में आज मेट्रो निर्माण तथा सड़क विस्तारीकरण के लिए प्रभावित संपत्ति मालिकों को चेक प्रदान करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चेक वितरण कार्यक्रम में हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी, एचएमआरएल के प्रबंध निदेशक एनवीएस रेड्डी तथा हैदराबाद जिला कलेक्टर अनुदीप दुरीशेट्टी उपस्थित थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अवसर पर 34 प्रभावित संपत्तियों के 41 मालिकों को 20 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया। असदुद्दीन ओवैसी ने चेक वितरित करते हुए कहा कि पुराने शहर के निवासियों को जिस मेट्रो रेल का लंबे समय से इंतजार था, वह अब साकार होने जा रहा है। इस परियोजना के लिए उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे एनवीएस रेड्डी द्वारा किए जा रहे प्रयासों में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अगर प्रस्तावित सालार जंग और चारमीनार मेट्रो स्टेशनों से लेकर स्मारकों तक स्काई वॉक बनाए जाएं, तो यह न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी सुविधाजनक होगा।
अवसर पर उन्होंने एनवीएस रेड्डी से आने वाले मेट्रो स्टेशनों पर व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रभावित भूमि खोने वालों को उचित प्राथमिकता देने की बात कही। एनवीएस रेड्डी ने अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के आदेशानुसार पुराने शहर में सड़क विस्तारीकरण व मेट्रो रेल के निर्माण के लिए अपनी संपत्ति खोने वालों को उचित मुआवजा दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया में सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सुझावों को भी ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मेट्रो निर्माण का दूसरा चरण पहले चरण से अधिक सुविधाओं के साथ पूरा किया जाएगा। इससे पुराने शहर का कायाकल्प होगा। उन्होंने कहा कि सांसद के सुझाव के अनुसार प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों से लेकर चारमीनार, लाड बाजार और सालारजंग संग्रहालय जैसे पर्यटन क्षेत्रों तक स्काई वॉक, फुटपाथ आदि आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
एनवीएस रेड्डी ने बताया कि हम 2,741 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से साढ़े सात किलोमीटर पुराने शहर की मेट्रो को चार साल में पूरा करने के मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगले महीने नामपल्ली में जर्मन पज़ल टेक्नोलॉजी से उन्नत मल्टीलेवल पार्पिंग परियोजना शुरू करने की भी तैयारी की जा रही है,जो पुराने शहर के विकास का प्रवेश द्वार भी होगा। समग्र रूप से हमारा उद्देश्य शहरवासियों को सार्वजनिक परिवहन सेवा के रूप में बेहतरीन मेट्रो रेल सेवा का अनुभव प्रदान करना है। अनुदीप दुरीशेट्टी ने अवसर पर कहा कि हैदराबाद दिन-ब-दिन एक वैश्विक शहर के रूप में विकसित हो रहा है। ऐसे में सरकार का उद्देश्य पुराने शहर को और विकसित करना है। इस कड़ी में मेट्रो रेल परियोजना के लिए आगे आए प्रभावित संपत्ति मालिकों हेतु लाभकारी मुआवजा तय किया गया है, जिसका सभी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कुल अधिग्रहित 1,100 संपत्तियों के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। अवसर पर मेट्रो रेल भूमि अधिग्रहण विभाग की डिप्टी कलेक्टर के. स्वर्णलता व अन्य उपस्थित थे।
संपत्तियाँ छोड़ने वालों ने गर्व जताया
ओल्ड सिटी मेट्रो रेल परियोजना से प्रभावित 41 मालिकों के परिवार के सदस्यों का इस क्षेत्र से तीन पीढ़ियों से भी अधिक समय से लगाव रहा है, जिनमें से कुछ के पास घर हैं और अन्य के पास व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। उन्होंने मुआवजे के लिए चेक वितरण कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि वे हैदराबाद के विकास के लिए अपनी संपत्तियाँ खुशी-खुशी सौंप रहे हैं।
उनसे जब उनकी संपत्ति के नुकसान के बारे में पूछा गया, तो कार्यक्रम में मौजूद मोहम्मद वसीम और उनकी पत्नी ने कहा कि हमारी तीन-चौथाई से अधिक व्यावसायिक-सह-आवासीय संपत्ति को नष्ट कर दिया जाएगा, लेकिन हमें कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि हम राज्य के विकास में योगदानकर्ता बन गए हैं।इससे पुराने शहर के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। मोहम्मद करीम ने बताया कि उनकी तीन पीढ़ियों पुरानी संपत्ति, जहां उनकी बचपन की यादें हैं, को नष्ट कर दिया जाएगा। हालांकि, हम पुराने शहर के लंबे समय से प्रतीक्षित विकास का स्वागत करते हैं, इसलिए इसे नष्ट करने के बारे में कोई शिकायत नहीं है।
पुरानी हवेली में स्थित लोकप्रिय कबाब केंद्र की इमारत, जो 40 से अधिक वर्षों से लोगों को स्वादिष्ट भोजन परोस रही है, को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसके मालिक ग़ौस पाशा ने कहा कि हमारी तीन पीढ़ी पुरानी दुकान मिट जाएगी, लेकिन हम पुराने शहर के विकास का हिस्सा बनकर खुश हैं। हालांकि उन्होंने मेट्रो अधिकारियों से एक अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कृपया हमें मेट्रो स्टेशनों में एक दुकान आवंटित करने पर विचार करें ताकि हमारी आजीविका जारी रह सके।