‘ड्रिलिंग’ प्रयोगों के लिए चीन ने अंटार्कटिका में भेजा अपना दल
बीजिंग, चीन ने अंटार्कटिका में ‘ड्रिलिंग’ संबंधी प्रयोग करने के मिशन के तहत अपने 42वें दल को सबसे ठंडे महाद्वीप के लिए रवाना किया ताकि इसकी विकास प्रक्रिया और प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाया जा सके।चीन अंटार्कटिका में समय-समय पर अपने दल भेजता रहा है। संसाधन-संपन्न महाद्वीप में अन्वेषण करने के लिए उसके पांच अनुसंधान केंद्र हैं लेकिन यह पहली बार होगा जब उसका दल महाद्वीप के तल में ड्रिलिंग पर ध्यान केंद्रित करेगा।
चीन के 42वें अंटार्कटिका दल का नेतृत्व
अंटार्कटिका में ‘यूरोपियन प्रोजेक्ट फॉर आइस कोरिंग इन अंटार्कटिका’ (ईपीआईसीए) सहित कई देशों ने इस महाद्वीप के प्राकृतिक संसाधनों का पता लगाने के लिए वहां ‘ड्रिलिंग’ की है। चीन के 42वें अंटार्कटिका दल का नेतृत्व कर रहे मुख्य वैज्ञानिक वेई फुहाई ने ‘शिन्हुआ’ से कहा, ‘‘इस अभियान के दौरान चीन अंटार्कटिका की बर्फ की चादर की गहराई में स्थित झीलों में पहली बार वैज्ञानिक ड्रिलिंग प्रयोग करने की योजना बना रहा है।’’
वेई ने कहा, ‘‘गर्म पानी और तापीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाली घरेलू स्तर पर निर्मित ड्रिल प्रणालियों का उपयोग करके हम 3,000 मीटर से अधिक मोटी बर्फ में ड्रिलिंग करेंगे और नमूने एकत्र करेंगे।’’ चीन अंटार्कटिका में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रहा है। (भाषा )
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