भगवान पार्श्वनाथ पर जारी होंगे स्मारक सिक्के

नई दिल्ली, जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 2900 वें जन्म कल्याणक और 2800 वें निर्वाण कल्याणक पर भारत सरकार द्वारा 25 दिसंबर को 800 रुपए और 900 रुपए के विशेष स्मारक सिक्के जारी किए जाएंगे । ये सिक्के 40 ग्राम शुद्ध चांदी से बने होंगे । केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने गत 18 नवंबर को इन सिक्कों के संबध में गजट अधिसूचना भी जारी कर दी है ।

23 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म 2900 वर्ष पूर्व वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था तथा उनका निर्वाण 2800 साल पहले 100 वर्ष की उम्र में सम्मेद शिखर पर्वत (झारखंड ) पर हुआ था। सिक्को का संग्रहण और अध्यन करने वाले बीकानेर के सुधीर लुणावत के अनुसार भगवान पार्श्वनाथ के 2900 वें जन्म कल्याणक को दर्शाने के लिए 900 रुपए का तथा 2800 वें निर्वाण कल्याणक को दर्शाने के लिए 800 रूपये मूल्यवर्ग के स्मारक सिक्के जारी हो रहे हैं। इन सिक्को की ढलाई का काम भारत सरकार की मुंबई टकसाल में हो रहा है । इन सिक्कों को जारी करवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले श्री पार्श्व पद्मावती जिनालय महाबलीपुरम तीर्थ न्यास के संस्थापक अध्यक्ष ललित नाहटा ने बताया कि इन सिक्कों का अनावरण 25 दिसम्बर को कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत द्वारा राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित ओस्त्रा जैन तीर्थ में किया जायेगा । इन दोनों सिक्को पर भगवान की अलग अलग प्रतिमा होगी ।

दोनों सिक्को का वजन क्रमश: 40 ग्राम और आकार 44 मिलीमीटर होगा। भगवान पार्श्वनाथ का चित्र बाहरी आवरण के साथ होगा जिसकी ऊपरी परिधि पर हिंदी में तथा निचली परिधि पर अंग्रेजी में भगवान पार्श्वनाथ का 2800 वां निर्वाण कल्याणक लिखा होगा। भगवान पार्श्वनाथ के चित्र के नीचे वर्ष 2024 लिखा होगा। सिक्के के दूसरी तरफ अशोक स्तंभ के नीचे रुपए के प्रतीक चिन्ह के साथ 800 लिखा होगा। 900 रुपए के सिक्के पर एक तरफ भगवान पार्श्वनाथ का चित्र होगा, जिसकी ऊपरी परिधि पर हिंदी में तथा निचली परिधि पर अंग्रेजी में भगवान पार्श्वनाथ का 2900 वां जन्म कल्याणक लिखा होगा। भगवान पार्श्वनाथ के चित्र के नीचे वर्ष 2024 लिखा होगा। सिक्के के दूसरी तरफ अशोक स्तंभ के नीचे रुपए के प्रतीक चिन्ह के साथ 900 लिखा होगा। भारत सरकार द्वारा विभिन्न अवसरों को यादगार बनाने के मकसद से व्यक्ति, संस्था, आयोजन के स्मारक पर ऐसे सिक्के जारी किए जाते है। ये सिक्के प्रचलन में नहीं आते । इन्हें एक संग्रहणीय वस्तु की तरह स्मृति स्वरूप सहेजकर रखने का रिवाज है। इन्हें जारी करने वाली टकसाल द्वारा प्रीमियम कीमतों पर बिक्री की जाती है।

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