कृषि विकास के लिए हितधारकों के बीच सहयोग जरूरी : राज्यपाल

हैदराबाद, तेलंगाना के राज्यपाल और प्रो. जयशंकर तेलंगाना राज्य वफढषि विश्वविद्यालय (पीजेटीएसएयू) के कुलाधिपति जिष्णु देव वर्मा ने विश्वविद्यालय से 2047 तक विश्व स्तरीय संस्थान बनने का प्रयास करने की आवश्यकता जताई।

विश्वविद्यालय के दो दिवसीय हीरक जयंती समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने वफढषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार को आगे बढ़ाने के लिए हितधारकों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि वफढषि क्षेत्र में वफढत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी उन्नत तकनीकों को एकीवफढत करने की आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब स्थापित करने की विश्वविद्यालय की पहल की सराहना की और वफढषि शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए फीस में कमी का स्वागत किया।

अवसर पर वफढषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव ने किसान मेला और वफढषि प्रदर्शनी में बोलते हुए देश के वफढषि भविष्य को दिशा देने में विश्वविद्यालय की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों से जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर किसानों को उपयुक्त फसलों और प्रौद्योगिकियों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने का आग्रह किया। मंत्री ने किसान कल्याण और वफढषि विकास के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी पहलों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें किसान बीमा, त्रण माफी और आगामी रायतु भरोसा कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने बागवानी, फसल और तेल ताड़ की खेती को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। हीरक जयंती समारोह में किसान मेला और वफढषि प्रदर्शनी का उद्घाटन शामिल है, जहां विभिन्न स्टालों पर वफढषि प्रगति और नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। राज्यपाल ने समारोह को चिह्नित करने के लिए लघु तोरण का भी शुभारंभ किया। विश्वविद्यालय के कुलपति अल्दास जनैया ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले 60 वर्षों में अब तक 500 किस्में विकसित की हैं तथा 32,000 वफढषि स्नातक तैयार किए हैं।

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