तेलंगाना में अपराध दर में 9.87 प्रतिशत की वृद्धि
हैदराबाद, तेलंगाना में वर्ष 2024 के दौरान 9.87 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ कुल 2,34,158 आपराधिक मामले दर्ज किये गये। पिछले वर्ष 2,13,121 आपराधिक मामले दर्ज किये गये थे। इस वर्ष आपराधिक मामलों में अपराधियों को जेल की सजा दिलाने में 35.63 प्रतिशत सफलता हासिल की गयी।आज यहाँ तेलंगाना पुलिस मुख्यालय में वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक डॉ. जितेंद्र ने बताया कि वर्ष 2024 के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर सभी त्यौहार और चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए और राज्य में कानून व्यवस्था संतोषजनक रही। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष के 57,561 आपराधिक मामलों को इस वर्ष आगे लाया गया और इस वर्ष जनवरी से नवंबर माह तक 1,69,477 मामले दर्ज किये गये। कुल 2,27,038 मामलों में से 1,55,639 (68.55 प्रतिशत) मामले सुलझा लिए गये।
अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस वर्ष विभिन्न मामलों में अपराधियों को बड़े पैमाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी और तीन मामलों में तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गयी। इसमें हैदराबाद के भवानी नगर व नारायणगुड़ा थाने से संबंधित हत्या के चार मामलों में दो आरोपियों को और संगारेड्डी जिले के बीडीएल भानुर थाने से संबंधित एक हत्या के मामले में एक आरोपी को मौत की सजा सुनाई गयी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 28,477 आपराधिक मामलों में अपराधियों को जेल भेजा गया। राउडी शीटरों की नकेल कसते हुए 18 मामलों में 35 राउडी शीटरों को आजीवन कारावास, तीन राउडी शीटरों को 3 से 7 वर्ष, 11 राउडी शीटरों को (10 राउडी शीटरों को दूसरी बार) 1 से 3 वर्ष तथा 6 राउडी शीटरों को तीन मामलों में 6 माह से एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी। इसी प्रकार बलात्कार के तीन मामलों में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास और पांच मामलों में 5 आरोपियों को बीस वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी। महिलाओं के खिलाफ अपराध के 51 मामलों में 70 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी। इसके अलावा पॉक्सो से संबंधित 77 मामलों में 82 आरोपियों को आजीवन जेल की सजा सुनाई गयी। इसमें से 43 मामलों में 43 आरोपियों को बीस वर्ष, एक मामले में 21 वर्ष चार मामलों में 4 आरोपियों को 25 वर्ष और एक मामले में एक आरोपी को 30 वर्ष के लिए जेल भेजा गया।
सड़क हादसों की रफ्तार थमी
पुलिस महानिदेशक जितेंद्र ने बताया कि तेलंगाना पुलिस ने नीति व लक्ष्य के साथ कार्य करते हुए सड़क हादसों को रोकने में सफलता हासिल की, वहीं सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या को भी घटाया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुल 20,702 सड़क हादसे हुए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 23,491 रही। इस प्रकार इस वर्ष 2,789 कम सड़क हादसे दर्ज किये गये। इसके अलावा सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में भी 1.49 प्रतिशत की कमी इस वर्ष देखने को मिली। इस वर्ष सड़क हादसों में 6,640 लोगों की मौत हुई, जबकि पिछले वर्ष सड़क हादसों में 6,541 लोग मारे गये थे। इसके साथ ही बड़े हादसों में भी 56.42 प्रतिशत की कमी नजर आई। पिछले वर्ष 2,336 बड़े सड़क हादसे हुए और इस वर्ष यह संख्या 1,018 रही। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों को रोकने और सड़क सुरक्षा के संबंध में तेलंगाना पुलिस अन्य संबंधित विभागों से तालमेल करते हुए एक लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ा
दहेज के लिए हत्या, दहेज के लिए आत्महत्या, दहेज प्रताड़ना और एक से अधिक विवाह की घटनाओं को छोड़कर महिलाओं के खिलाफ अन्य आपराधिक घटनाओं में इस वर्ष वृद्धि देखने को मिली। दहेज के लिए हत्या की इस वर्ष 22 घटनाएं (पिछले वर्ष 33 घटनाएं) दर्ज की गयी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33.33 प्रतिशत कम हैं। इस वर्ष दहेज प्रताड़ना के चलते मौत की 126 घटनाएं (पिछले वर्ष 132) दर्ज की गयी जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.45 प्रतिशत कम हैं। इसी प्रकार 5.13 प्रतिशत की कमी के साथ इस वर्ष दहेज प्रताड़ना के 8,973 मामले दर्ज (पिछले वर्ष 9,458) किये गये। इसके अलावा आत्महत्या के लिए उकसाने के इस वर्ष 379 मामले दर्ज किए गये जो पिछले वर्ष के 369 मामले की तुलना में 4.41 प्रतिशत अधिक है।इस वर्ष 13.15 प्रतिशत वृद्धि के साथ महिला हत्या के 241 मामले (पिछले वर्ष 213 मामले) दर्ज किये गये। इस वर्ष डीपी एक्ट के तहत 6 मामले (पिछले वर्ष 4 मामले) दर्ज किये गये। इस वर्ष 28.94 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 2,945 बलात्कार (पिछले वर्ष 2,284 मामले) के मामले दर्ज किये गये। इसी प्रकार 26.92 प्रतिशत वृद्धि के साथ इस वर्ष अपहरण के 1,112 मामले (पिछले वर्ष 884 मामले) दर्ज किये गये। इस वर्ष 8.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ लैंगिक प्रताड़ना के 5,940 मामले (पिछले वर्ष 5.464 मामले) दर्ज किये गये।
इसके अलावा एक से अधिक विवाह के इस वर्ष 168 मामले (पिछले वर्ष 178 मामले) दर्ज किये गये। इस प्रकार इस वर्ष महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 19,922 मामले (पिछले वर्ष 19,013 मामले) दर्ज किये गये जो 4.78 प्रतिशत की वृद्धि दर्शा रहे हैं। इस वर्ष बलात्कार की घटनाओं में 87 पीड़िताओं की आयु 15 वर्ष के कम, 1,970 पीड़िताओं की आयु 15 से 18 वर्ष और 888 पीड़िताओं की आयु 18 वर्ष से अधिक है। इन मामलों में 1 प्रतिशत आरोपी पीड़िता से अपरिचित हैं और शेष मामलों में जानकार लोगों के हाथों पीड़िता बलात्कार का शिकार हुई। उन्होंने कहा कि बलात्कार के 940 मामलों में आरोपियों को मात्र 8 घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया गया, पिछले वर्ष 812 मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
20 टन गांजा व 142.95 करोड़ का ड्रग्स जब्त
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि तेलंगाना सरकार हैदराबाद समेत राज्य को ड्रग्स मुक्त बनाने के लिए कठोर कदम उठा रही है और इस कार्य के लिए पुलिस को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए तेलंगाना एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो का गठन किया गया। ब्यूरो के तहत इस वर्ष राज्यभर में 1,942 ड्रग्स के मामले दर्ज कर 4,682 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इन मामलों में 142. 95 करोड़ रुपये के विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थ जब्त किये गये। इसी प्रकार इस वर्ष 20 टन गांजा भी जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि ड्रग्स तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए एनडीपीएस से संबंधित 10 मामलों में आरोपियों की 55.8 करोड़ रुपये की संपत्ति फ्रीज की गयी और 122 मामलों में संपत्ति फ्रीज करने की कार्रवाई की जा रही है।यह कार्रवाई एसएएफईएमए के तहत की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष साइबर अपराध की घटनाओं में 43.33 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। इस वर्ष साइबर अपराध के 25,184 मामले (पिछले वर्ष 17,571 मामले) दर्ज किये गये। इस वर्ष साइबर अपराध की घटनाओं के संबंध में 2060 प्रतिशत की वृद्धि के साथ शिकायतकर्ताओं को लूटी गई रकम में से 180 करोड़ रुपये लौटाये गये, जबकि पिछले वर्ष केवल 8 करोड़ रुपये लौटाये गये। इस वर्ष साइबर अपराध की घटनाओं के संबंध में 247 करोड़ रुपये फ्रीज किये गये, जबकि पिछले वर्ष 128 करोड़ रुपये फ्रीज किये गये थे। इस वर्ष 14,984 सिम कार्ड, 9,811 आईएमईआई व 1,825 यूआरएल/वेबसाइट ब्लॉक किये गये।
डॉ. जितेंद्र ने आपराधिक मामलों के आंकड़े गिनाते हुए बताया कि इस वर्ष लूटपाट के लिए हत्या के 83 मामले (पिछले वर्ष 59 मामले), डकैती के 58 मामले (पिछले वर्ष 42 मामले), बड़ी चोरी के 703 मामले (पिछले वर्ष 495 मामले), बर्गलरी के 5,724 मामले (पिछले वर्ष 4,803 मामले), चोरी के 19,480 मामले (पिछले वर्ष 14,393 मामले), हत्या के 856 मामले (पिछले वर्ष 789 मामले), आत्महत्या के लिए उकसाने के 222 मामले (पिछले वर्ष 171 मामले), लूटपाट के 324 मामले (पिछले वर्ष 447 मामले), अपहरण के 1,525 मामले ( पिछले वर्ष 1,362 मामले), बलात्कार के 2,945 मामले (पिछले वर्ष 2,284 मामले), मारपीट के 22,031 मामले (पिछले वर्ष 19,551 मामले), धोखाधड़ी के 33,618 मामले (पिछले वर्ष 22,996 मामले), विश्वासघात के 701 मामले (पिछले वर्ष 451 मामले), फर्जी नोट प्रचलन के 13 मामले (पिछले वर्ष 15 मामले) तथा 81,194 अन्य आपराधिक मामले (पिछले वर्ष 70,454 मामले) दर्ज किये गये।
उन्होंने बताया कि हत्या के 856 मामले में से 229 मामले पारिवारिक कलह, 53 मामले पैसों के लिए विवाद, 102 मामले काम जनित ईर्ष्या, 82 मामले भू संपत्ति विवाद, 82 मामले मामूली विवाद और 259 मामले अन्य कारणों से जुड़े रहे। इस वर्ष राउडी शीटर 8 हत्या के मामलों में शामिल रहे, जबकि पिछले वर्ष 11 राउडी शीटर शामिल थे। 345 हत्या के मामलों में हत्यारों को 24 से 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि पिछले वर्ष 240 मामलों में हत्यारों को गिरफ्तार किया गया।