काँवड़ यात्रा में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक की माँग

हरिद्वार, साधु-संतों ने उत्तराखंड सरकार से 11 जुलाई से शुरू हो रही काँवड़ यात्रा की धार्मिक मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने के लिए उसमें गैर हिन्दुओं के प्रवेश और व्यवसाय पर रोक लगाने की बुधवार को माँग की। भारत साधु समाज के संतों ने यहाँ एक बैठक में काँवड़ यात्रा में मुसलमान समुदाय के लोगों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की माँग की। इससे पहले, जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यथीद्रानंद गिरि भी इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिख चुके हैं।

बैठक के बाद हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद ने यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की पवित्रता बनाए रखने के लिए गैर हिन्दुओं की पहचान सुनिश्चित करने और मुसलमानों के काँवड़ ले जाने पर भी रोक लगाने की माँग की। उन्होंने कहा कि काँवड़ यात्रा में जेहादी मानसिकता वाले लोगों को नही घुसने दिया जाना चाहिए। प्रशासन खाद्य पदार्थों की दुकानों में भी गैर हिन्दुओं की पहचान सुनिश्चित करे ताकि खान-पान में पवित्रता बनी रहे।

काँवड़ यात्रा में जेहादी मानसिकता वाले लोगों को नही घुसने दिया जाना चाहिए। प्रशासन खाद्य पदार्थों की दुकानें में भी गैर हिंदुओं की पहचान सुनिश्चित करे, ताकि खान-पान में पवित्रता बनी रहे। शिव भक्तों से भी अपील है कि वे मुसलमानों द्वारा बनाई गयी काँवड़ लेकर न जाएँ, क्योंकि इससे भगवान शिव के अभिषेक के लिए ले जाया गया गंगा जल अपवित्र हो जाता है।

– स्वामी प्रबोधानंद

इसी के साथ, उन्होंने शिव भक्तों से भी अपील की कि वह मुसलमानों द्वारा बनाई गई काँवड़ को नही लेकर जाएँ, क्योंकि इससे भगवान शिव के अभिषेक के लिए ले जाया गया गंगा जल अपवित्र हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिव भक्त काँवड़ को शुद्ध रूप में लेकर जाएँ। अगर हिन्दू खुद काँवड़ नही बना सकते तो वे एक डंडे में रस्सी से गंगा जल के पात्र को बाँधकर ले जाए, जिससे गंगा जल की पवित्रता बनी रहे।

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काँवड़ यात्रा में गैर हिन्दुओं पर प्रतिबंध की माँग

यथीद्रानंद गिरि ने  इस संबंध में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि हर वर्ष श्रावण मास में होने वाली काँवड़ यात्रा सनातन धर्म की एक अत्यंत पवित्र, भावनात्मक व आस्था से जुड़ी यात्रा है जिसे हाल के वर्षों में विधर्मियों से गहरी चुनौती मिल रही है। उन्होंने कहा कि गैर हिन्दू समुदाय के लोग काँवड़ यात्रा मार्ग पर भगवा वस्त्र, भगवान शिव के चित्र व काँवड़ आदि की बिक्री करते हैं।

यथीद्रानंद गिरि ने कहा कि इसके अलावा, पूजा सामग्री को मिलावट कर अपवित्र करने तथा सेवा के नाम पर भोजन व खाद्य सामग्री आदि के वितरण में मिलावट व थूक मिलाने जैसी गंभीर घटनाएँ भी सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से सामने आती रही हैं। स्वामी यथींद्रानंद ने कहा कि जेहादी मानसिकता वाले लोगों की इस तरह की हरकतें न केवल हिन्दू आस्था का अपमान हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को खंडित करने का भी कुत्सित प्रयास है।

यथीद्रानंद गिरि ने कहा कि काँवड़ यात्रा में किसी भी गैर हिन्दू को सेवा, व्यवसाय तथा किसी अन्य तरह से भाग लेने को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से हरिद्वार से शुरू होने वाली काँवड़ यात्रा के मार्ग पर गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने, काँवड़ बाजार में किसी भी मुसलमान को दुकान लगाने की अनुमति न देने, धार्मिक वस्तुओं की बिक्री का अधिकार केवल हिन्दू समुदाय के लोगों को देने तथा काँवड़ मेले में सभी आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की माँग की। उन्होंने इसके साथ ही जिला स्तर पर एक निगरानी समिति का भी गठन करने की माँग की।

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