मनमोहन को भारत रत्न देने की माँग
फाइनांशियल डिस्ट्रिक्ट में बनायी जाएगी पूर्व पीएम की प्रतिमा : रेवंत
हैदराबाद, पृथक राज्य के रूप में तेलंगाना की स्थापना में दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अद्वितीय भूमिका का स्मरण करते हुए आज तेलंगाना विधानसभा ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि मनमोहन सिंह को भारत रत्न सम्मान प्रदान किया जाए। साथ ही हैदराबाद में पूर्व प्रधानमंत्री की एक प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को भी विधानसभा में मंज़ूरी दी गयी।
विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आज मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। कई तरह की आलोचनाओं के बावजूद उन्होंने अपना धैर्य कभी नहीं खोया। उन्होंने देश को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया। वे आधुनिक भारत में अर्थव्यवस्था के शिल्पकार रहे। इस बात को लेकर विश्वभर में उन्हें मान्यता मिली। उन्होंने आडंबर रहित व्यक्ति के रूप में अपना जीवन बिताया। उन्होने कहा कि मनमोहन ने रोजगार गारंटी योजना शुरू की और गरीबों को 100 दिन काम प्रदान किया। खाद्य सुरक्षा और सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया। भूमिहीन गरीबों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम भी पेश किया। वन अधिकार अधिनियम सहित कई कानून लागू कर उन्होंने डॉ अंबेडकर की प्रेरणा को जारी रखा।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि मनमोहन सिंह द्वारा शुरू की गई उदारवादी नीतियों ने देश की दिशा बदल दी। देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में कई ऐसे कार्य किये, जो कभी भुलाए नहीं जा सकते। विशेषकर तेलंगाना की जनता मनमोहन सिंह को कभी भुला नहीं पाएगी। इसलिए कि उन्होंने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाया था। रेवंत ने कहा कि देश के लिए मनमोहन सिंह की सेवाएं महत्वपूर्ण हैं। हम एक प्रस्ताव पेश कर रहे हैं, जिसमें केंद्र से मनमोहन सिंह को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का अनुरोध किया गया है। हमने हैदराबाद के फाइनांशियल डिस्ट्रिक्ट में मनमोहन सिंह की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है। हमारा मानना है कि तेलंगाना की धरती पर मनमोहन सिंह की प्रतिमा लगाना जरूरी है।
विधानसभा में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने संसद की एक घटना का स्मरण करते हुए मनमोहन की महानता का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में तत्कालीन भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान दस वर्ष तक प्रधानमंत्री रहने वाले मनमोहन ने दूसरे सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और ज़मीन पर बैठ गये। संसद में लोकतंत्र की रक्षा के लिए विरोध प्रदर्शन में भाग लेना पूर्व प्रधानमंत्री की विनम्रता का एक आदर्श उदाहरण है।उप मुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्का ने भी दिवंगत मनमोहन सिंह की सेवाओं को याद किया। विशेष कर गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को उनका सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया।
सिंचाई एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने दिवंगत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक अद्वितीय व्यक्तित्व बताया। उन्होंने विधानसभा में अपने संबोधन में कहा कि दिवंगत मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार के वित्त सचिव, रिज़र्व बैंक के गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, यूजीसी के अध्यक्ष, वित्त मंत्री और दस वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में इस देश की सेवा की। मुख्य रूप से किसान देश की रीढ़ हैं, लेकिन दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह किसानों की रीढ़ थे। उन्होंने एक ही समय में भारत के सभी किसानों का कर्ज माफ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। देश की जनता को इस तथ्य को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों का अधिकार, सूचना अधिकार, शिक्षा अधिकार जैसे कानून लागू किये गये। सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण से विस्थापित लोगों को पुनर्वास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गये। असैन्य परमाणु परीक्षणों के लिए उन्नत तकनीक प्रदान करने के लिए अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए और केंद्र में मुख्य विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद दोनों सदनों में विधेयक पारित किया। आर्थिक सुधारों के शिल्पकार के रूप में दुनिया भर में उनकी प्रशंसा की गयी।