डॉ. सुप्रभाजी म.सा. सुधा की जिनवाणी की सरिता प्रवाहित

हैदराबाद, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ, रामकोट के तत्वावधान में डॉ. सुप्रभाजी म.सा. सुधा, डॉ. उदितप्रभाजी म.सा. ऊषा, डॉ. हेमप्रभाजी म.सा. हिमांशु, डॉ. इमितप्रभाजी म.सा., उन्नतिप्रभाजी म.सा., निलेशप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा-6 के सान्निध्य में जिनवाणी की सरिता प्रवाहित हो रही है।

आज यहाँ संघ के प्रचार मंत्री रतनचंद कटारिया एवं मदनचंद संचेती द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ. उदितप्रभाजी म.सा. ने अपने संबोधन में कहा कि धर्म और आध्यात्मिक में जो श्रद्धाशील रहते हैं, वह भाग्यशाली होते हैं। प्यासा व्यक्ति अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं से भी पानी ढूँढ़ लेता है। ऐसे ही श्रद्धाशील व्यक्ति ज्ञान पाने के लिए गुरु को ढूँढ़ लेता है और अपनी जिज्ञासा को प्रकट कर जिनवाणी श्रवण करने का प्रयास करता है। इसके साथ ही अरिहंत सिद्धत्वता प्राप्ति की ओर कदम बढ़ाता है। गुरु अमावस की रात में टिम टिमाते तारे के स्वरूप को समझाते हैं, गुरु ही गोविंद के दर्शन कराते हैं। गुरु के पास अनुभव का पिटारा होता है, जिससे शिष्य को सत्पथ का मार्ग प्रशस्त कराते हैं। पारसमणि के समान शिष्य को लोहे से सोना बनाने की कला गुरु में होती है। गुरु शिष्य को पारंगत बनाते हैं एवं सिद्ध की पहचान कराते हैं। श्रेष्ठता पाने के लिये शिष्य का गुरु के प्रति पूर्णत समर्पित भाव होना चाहिए। गुरु के प्रति शिष्य का समर्पण भाव शिवाजी का उनके गुरु समर्थ रामदास एवं स्वामी विवेकानंद का गुरु रामकृष्ण परमहंस के प्रति था, जो आज भी विख्यात है। अगर सुशिष्य बनना है, तो अंहकार को छोड़कर विनीत बनना होगा, तभी गुरु कृपा प्राप्त कर सकते हैं। गुरु का भी शिष्य के प्रति कर्तव्य होता है कि लोहे जैसे शिष्य को पारसमणि के समान सोने जैसा बनाना, दूध के समान शिष्य की कमियों को दूर करना, नदी के समान निर्मल बनाना, मोमबत्ती के समान आलोकित करना।

धर्म सभा का संचालन करते हुए संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार मुथा ने बताया कि नवकार महामंत्र का जाप निरंतर अग्रसर है। महासती उमरावकंवरजी म.सा. के 102वें जन्मोत्सव कार्पाम के तहत आज सामूहिक एकासन तप का लाभ रेखा विजय अभय संचेती परिवार ने लिया। आज के लकी ड्रॉ के लाभार्थी माणकचंद गणपतराज विनोद कुमार अशोक कुमार सिंघवी परिवार रहे। 21अगस्त को आठ द्रव्य तप प्रभु शांतिनाथ का जाप कच्ची सलाद का त्याग एवं मूंग का दान होगा। दोपहर 1.15 बजे से बहू मंडल द्वारा अंताक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। अवसर पर अल्पाहार की व्यवस्था रहेगी। प्रतिदिन प्रवचन में सामायिक करने वालों को टोकन दिये गय, जिसमें से प्रथम तीन को महावीरचंद प्रकाश ललित गादिया परिवार की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में जुगराज अशोक कुमार रितेश मुथा परिवार की ओर से प्रवचन पश्चात तीन ड्रॉ द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button