इस वर्ष देश की स्वतंत्रता-दिवस की कुंडली में बना द्विजन्मा योग

इस वर्ष देश की स्वतंत्रता दिवस की कुंडली में द्विजन्मा योग बना है, जे अगले एक साल में बड़े परिवर्तन का सूचक है। इस वर्ष 15 अगस्त को भारत की आज़ादी के 78 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं और हमने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मानाया है। भारत की आज़ादी की स्थापना कुंडली (15 अगस्त, 1947 को मध्य रात्रि 12 बजे, दिल्ली) में सूर्य की स्थिति कर्क राशि में 27 अंश 59 कला थी, तो प्रतिवर्ष जब सूर्य 15 अगस्त के आस-पास ठीक इन्हीं अंश-कला पर पहुंचता है।

इसलिए तब की ग्रह-स्थिति से भारत की वर्ष-कुंडली बनती है, जिससे आगामी एक वर्ष की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं का फलकथन किया जाता है। इस वर्ष ज्योतिष की गणना के अनुसार 14 अगस्त की रात्रि 11 बजकर 39 मिनट पर भारत की जो वर्ष-कुंडली बनी है, उसमें वृषभ लग्न का उदय हुआ है, जो भारत की आजादी की कुंडली में भी है। वर्षफल के मूल सिद्धांतों के अनुसार यदि वर्ष कुंडली में जन्म-कुंडली के सामान ही लग्न उदय हो तो उस वर्ष को द्विजन्मा वर्ष कहते हैं जिसमें बड़े आमूल-चूल परिवर्तन होते हैं।

इस साल स्वतंत्रता दिवस की वर्ष-कुंडली में वफषभ लग्न उदय हुआ है जिसमें राजकीय कोष के दूसरे घर में गुरु और पा की युति बनी है। शुभ ग्रहों का धन-स्थान में होना वस्तु और सेवा कर संग्रह में बड़ी वृद्धि होने का संकेत है, जिससे पेंद्र सरकार के पास जन-कल्याण की नीतियों के लिए अधिक मात्रा में धन आएगा। तीसरे घर में चतुर्थेश सूर्य और पंचमेश बुध का बड़ा राजयोग खेल-जगत में अगले एक वर्ष में भारत को बड़ी उपलब्धि देगा।

वर्ष कुंडली 2025 : तलाक, महंगाई और भारत-पाक तनाव

किन्तु मुंथा का सप्तम भाव में होना और मुंथेश मंगल का पंचम भाव में शनि की दृष्टि से पीड़ित होना अगले एक वर्ष में तलाक के मामले बढ़ना, यौन उत्पीड़न की घटनाओं और विवाहिक हिंसा, जन्म दर में कमी के कारण पारंपरिक भारतीय समाज में गिरते नैतिक मूल्यों को लेकर बड़ी चिंता की स्थिति दर्शा रहा है। पंचम भाव पर पाप ग्रहों का प्रभाव होने से युवाओं में नयी टेक्नोलॉजी और विदेश जाकर तकनीकी शिक्षा लेने का रुझान बढ़ेगा।

Ad

इस साल की वर्ष कुंडली में चंद्रमा हानि स्थान या बाहरवें घर में मंगल की आठवीं दृष्टि से पीड़ित है। यह महंगाई के बढ़ने और सरकार में अस्थिरता आने का योग है। दशमेश (राजसत्ता) और नवमेश (सर्वोच्च न्यायालय) शनि का नए कानूनों के ग्याहरवें घर में होकर पंचम भाव में बैठे मंगल से खतरनाक समसप्तक योग बनने के कारण पेंद्र सरकार में बड़े परिवर्तन होंगे। पेंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में चुनाव सुधारों को लेकर बड़ा टकराव होने की आशंका है।

यह भी पढ़े : कर्क संक्रांतिक है देवताओं के शयन काल का प्रतीक

विदेश नीति के स्थान यानी नवम भाव पर सूर्य और बुध की दृष्टि के चलते अगले 2 माह में भारत और अमेरिका में ट्रेड डील हो जाएगी। किन्तु, तृतीयेश चन्द्रमा के हानि के बाहरवें घर में मंगल की दृष्टि से पीड़ित होने के कारण भारत का पाकिस्तान से तनाव अभी कम नहीं होगा। अगले वर्ष के मध्य में एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान की सेनाओं में एक सीमित क्षेत्र में सैन्य टकराव होने की आशंका रहेगी।

ज्योतिषाचार्य सचीन मल्होत्रा

अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।

Ad

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button