ईडी ने फर्जी बैंक गारंटी मामले में रिलायंस पावर के सीएफओ गिरफ्तार

नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) को 68 करोड़ रुपये की कथित फर्जी बैंक गारंटी जारी करने से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने अशोक पाल से पूछताछ करने के बाद उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत शुक्रवार रात हिरासत में ले लिया।

सूत्रों के अनुसार, उन्हें शनिवार को एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा और उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया जाएगा।यह मामला रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड की ओर से सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी से संबंधित है, जो फर्जी पाई गई। यह कंपनी पहले महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी।

ओडिशा की बिस्वाल ट्रेडलिंक पर फर्जी बैंक गारंटी का आरोप

ईडी ने व्यावसायिक समूहों के लिए कथित रूप से फर्जी बैंक गारंटी प्रदान करने का गिरोह चलाने वाली आरोपी कंपनी की पहचान ओडिशा स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक के रूप में की है। निदेशालय ने जांच ​​के तहत अगस्त में कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ छापेमारी की थी और इसके प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था। धन शोधन का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा नवंबर 2024 में दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है।

आरोप है कि कंपनी आठ प्रतिशत कमीशन पर फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में शामिल थी। रिलायंस समूह ने तब कहा था कि रिलायंस पावर इस मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी की साजिश का शिकार हुई है और उसने सात नवंबर, 2024 को स्टॉक एक्सचेंज में इस संदर्भ में उचित खुलासे किए थे। समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने अक्तूबर 2024 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में तीसरे पक्ष (आरोपी कंपनी) के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

Ad

ईडी जांच में फर्जी डोमेन और संदिग्ध बैंक खातों का खुलासा

ईडी के सूत्रों ने कहा था कि भुवनेश्वर स्थित कंपनी एसबीआई के ईमेल डोमेन से मिलते जुलते डोमेन का उपयोग कर रही थी जिससे लगे कि उसके द्वारा भेजे गए मेल देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस फर्जी डोमेन का इस्तेमाल एसईसीआई को फर्जी संदेश भेजने के लिए किया गया था। सूत्रों के अनुसार, ईडी की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कंपनी ने कमीशन के लिए फर्जी बिल भी जारी किए और कई अघोषित बैंक खातों का इस्तेमाल किया।

यह भी पढ़े: अनिल अंबानी की आरकॉम पर सीबीआई का शिकंजा : बैंक धोखाधड़ी में केस

सूत्रों ने बताया कि इन बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन किए गए। सूत्रों ने बताया था कि कंपनी मात्र एक कागजी संस्था है क्योंकि इसका पंजीकृत कार्यालय बिस्वाल के एक रिश्तेदार की आवासीय संपत्ति है और छापेमारी के दौरान पते पर कंपनी का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। (भाषा)

अब आपके लिए डेली हिंदी मिलाप द्वारा हर दिन ताज़ा समाचार और सूचनाओं की जानकारी के लिए हमारे सोशल मीडिया हैंडल की सेवाएं प्रस्तुत हैं। हमें फॉलो करने के लिए लिए Facebook , Instagram और Twitter पर क्लिक करें।

Ad

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button