ईडी ने 850 करोड़ की धोखाधड़ी में दो जगहों पर की छापेमारी
हैदराबाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), हैदराबाद के अधिकारियों ने सीएसके रियल एस्टेट लिमिटेड और सिंह मेंशन प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों के साथ-साथ उनके निदेशकों सुरेश कुमार अग्रवाल और रक्षित अग्रवाल के आवासों पर छापे मारे। आरोप है कि साहिती इंफ्राटेक वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईवीआईपीएल) और इसकी प्रबंध निदेशक बी. लक्ष्मी नारायण के साथ सांठगांठ कर कथित तौर पर धन का दुरुपयोग किया गया।
एसआईवीआईपीएल मामले में ईडी की जाँच के तहत छापेमारी की गई, जिसमें लक्ष्मी नारायण ने कथित तौर पर प्री-लॉन्चिंग परियोजनाओं की आड़ में ग्राहकों से लगभग 850 करोड़ की ठगी की। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने कथित तौर पर 5.42 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण और सोना-चांदी जब्त किए। साथ ही 72.75 लाख की बेहिसाबी नकदी भी जब्त की। रिपोर्ट में बताया गया कि सुरेश कुमार अग्रवाल ने 27 रियल एस्टेट कंपनियाँ स्थापित की थीं और कथित तौर पर साहिती इंफ्राटेक की सहायता के लिए फंड डायवर्ट किया था। जाँच के दौरान पता चला कि सुरेश कुमार अग्रवाल और रक्षित अग्रवाल की स्वामित्व वाली कंपनियों ने एसआईवीआईपीएल के साथ 20 करोड़ से अधिक के उच्च मूल्य के लेन-देन किए थे और संपत्तियों की बिक्री और खरीद में शामिल थे।
समन के बावजूद, सुरेश कुमार अग्रवाल और रक्षित अग्रवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए और आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं किए, जिससे चल रही जांच में सहयोग नहीं मिला। ईडी अधिकारियों के अनुसार, जांच में पता चला कि एसआईवीआईपीएल के पास आवश्यक वैधानिक अनुमतियों का अभाव था। निवेशकों से प्राप्त धन को विभिन्न बैंक खातों में जमा किया गया और नकद में भी एकत्र किया गया। जांच में पता चला कि एसआईवीआईपीएल ने 842.15 करोड़ की राशि की अपराध आय अर्जित की। ईडी ने कहा कि यह पैसा साहिती समूह द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं में इन्वेंट्री बेचने के बहाने घर खरीदने वालों से जुटाया गया था। इस राशि में से 216.91 करोड़ रुपये घर खरीदने वालों से नकद में एकत्र किए गए थे, जिसे कंपनी के खातों में कभी दर्ज नहीं किया और निजी इस्तेमाल के लिए एसआईवीआईपीएल के प्रमोटरों/निदेशकों द्वारा छिपाया गया था। ईडी अधिकारियों ने कहा कि बिना किसी वास्तविक व्यावसायिक उद्देश्य के फर्जी बैंकिंग लेनदेन के माध्यम से एसआईवीआईपीएल के फंड को संबंधित और असंबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों को हस्तांतरित करके अपराध की आय को हड़प लिया गया। ईडी ने एसआईवीआईपीएल, लक्ष्मी नारायण और अन्य के खिलाफ तेलंगाना पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की, जो उन व्यक्तियों की शिकायतों के बाद शुरू हुई जिन्होंने कंपनी और उसके समूह की संस्थाओं द्वारा शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए पैसे दिए थे। खरीदारों से बड़ी रकम इकट्ठा करने के बावजूद, एसआईवीआईपीएल फ्लैट देने या पैसे वापस करने में विफल रहा। ईडी ने पहले 161.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इसके बाद 29 सितंबर को लक्ष्मी नारायण को गिरफ्तार कर लिया गया।