कविता की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करेगा ईडी

हैदराबाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह दिल्ली आबकारी नीति में घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता की जमानत अर्जी पर 22 अगस्त तक जवाब दाखिल करेगा।

ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से पेश हुए अतिरिवÌत सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ को बताया कि मामले में सीबीआई का जवाबी हलफनामा पहले ही दाखिल किया जा चुका है। राजू ने कहा कि ईडी का जवाबी हलफनामा तैयार किया जा रहा है और इसे 22 अगस्त तक दाखिल कर दिया जाएगा।

इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए टाल दी। न्यायालय ने कहा कि यदि कोई प्रत्युत्तर है तो उसे 23 अगस्त तक दाखिल किया जाए। शीर्ष अदालत ने 12 अगस्त को कविता की उन याचिकाओं पर ईडी और सीबीआई से जवाब मांगा था, जिनमें दोनों मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के एक जुलाई के फैसले को चुनौती दी गई थी। पीठ ने मंगलवार की सुनवाई के दौरान कहा कि हम दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई और निर्णय करेंगे।

पीठ ने कहा कि हम जवाब दाखिल करने के औचित्य को नहीR समझ पा रहे हैं। उच्च न्यायालय में दस्तावेजों के आधार पर आदेश पारित किये गए। कविता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिववÌता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह (कविता) मामले में सह आरोपी हैं। उन्होंने कहा कि मामले में उच्चतम न्यायालय ने हाल में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत दी है। उन्होंने कहा कि वह दोनों मामलों में एकमात्र महिला आरोपी हैं। सीबीआई और ईडी के मामलों में जांच पूरी हो चुकी है। अभियोजन पक्ष ने शिकायत दायर कर दी है, आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। अभियोजन पक्ष की शिकायत ईडी के आरोप पत्र के समान है।

रोहतगी ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45, जो जमानत के लिए दोहरी शर्तें निर्धारित करती है, कविता के मामले में लागू नहीR होती। पीठ ने कहा कि न्यायाधीश (उच्च न्यायालय के) ने इस बारे में विस्तृत कारण बताए हैं कि धारा 45 वÌयों लागू होगी। पीएमएलए की धारा 45 के अनुसार, धन शोधन के मामले में आरोपी को जमानत तभी दी जा सकती है, जब ये दो शर्तें पूरी हों – पहली नजर में यह लगे कि आरोपी ने अपराध नहीR किया है और जमानत पर रहते हुए उसके अपराध करने की कोई संभावना नहीR है।

उच्च न्यायालय ने दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह प्रथम दृष्टया दिल्ली आबकरी नीति 2021-22 के निर्माण एवं कार्यान्वयन से जुड़ी आपराधिक साजिश की मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक प्रतीत होती हैं। सीबीआई और ईडी ने आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन को लेकर अलग-अलग मामले द़र्ज किए हैं।

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