बदलते सुरक्षा परिदृश्य में उत्कृष्टता हासिल करने के हों प्रयास : द्रौपदी मुर्मू
सीडीएम में राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह आयोजित
हैदराबाद, सिकंदराबाद स्थित रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय (सीडीएम) में आज राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संस्थान को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किया। अवसर पर उन्होंने तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में उत्वफढष्टता के लिए प्रयास करने की बात पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ी हुई रक्षा प्रबंधन क्षमता कूटनीतिक और सैन्य साझेदारी को मजबूत करने और रक्षा निर्यात बढ़ाने में मदद करेगी। साथ ही यह वैश्विक सुरक्षा मंचों पर भी भारत को सक्रिय रुख बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगी।
राष्ट्रपति ने निशान अलंकरण समारोह में नागरिक शैक्षणिक संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय रक्षा संगठनों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करने और सुरक्षा चुनौतियों पर वैश्विक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में सीडीएम की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था भारतीय सशस्र बलों के सामने आने वाली वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का समाधान प्रदान करने के दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत रणनीतिक रक्षा साझेदारी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। बहुपक्षीय आर्थिक और सैन्य ढांचे और जुड़ाव के माध्यम से क्षेत्रीय और वैश्विक रक्षा तथा शांति चर्चाओं में भारत का प्रभाव काफी बढ़ गया है। वरिष्ठ रणनीतिक नेतफत्व की भारत को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति का राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। युद्ध की पारंपरिक परिभाषाओं और तरीकों को उभरती प्रौद्योगिकियों और नई रणनीतिक साझेदारियों द्वारा चुनौती दी जा रही है। भारत उभरती प्रौद्योगिकियों और वफढत्रिम बुद्धिमत्ता को उच्च प्राथमिकता देते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए भारतीय रक्षा प्रणालियों में उनका उपयोग कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार द्वारा रक्षा उद्योग की स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। स्वदेशीकरण पर जोर देते हुए कई रक्षा उत्पादों की पहचान घरेलू विनिर्माण के लिए की गई है। अब भारत के भीतर तकनीकी रूप से उन्नत उपकरणों का निर्माण करके आत्मनिर्भरता के एक नए चरण की शुरुआत करने का समय आ गया है। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमारे सशस्र बलों को भी नवीनतम तकनीकी विकास के साथ-साथ बदलती परिचालन गतिशीलता तथा बदलते सुरक्षा परिदृश्य के बीच खुद को अपडेट रखने की आवश्यकता है। आशा है हमारे सामूहिक प्रयास और व्यक्तिगत उत्वफढष्टता 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को साकार करने में सहायक सिद्ध होंगे।
राष्ट्रपति नेसीडीएम में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती हैं। रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रपति निशान अलंकरण समारोह में तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान विशेष दिवस कवर तथा स्मारक पदक के साथ-साथप्राचीन भारतीय सामरिक विचारों के संशोधित संस्करण पर्ल्स ऑफ एंशेन्ट इंडियन विजडम का भी विमोचन किया गया। अवसर पर बताया गया कि राष्ट्रपति ध्वज के रूप में यह महत्वपूर्ण मान्यता भारतीय सशस्र बलों के वरिष्ठ नेतफत्व को आकार देने के लिए समर्पित प्रमुख रक्षा संस्थान सीडीएम के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर है। 1970 में अपनी स्थापना के बाद से सीडीएम सिकंदराबाद ने भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों को प्रशिक्षित करते हुए आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक प्रबंधकीय, नेतफत्व और रणनीतिक विशेषज्ञता से लैस किया है। अपने विकसित पाठ्यक्रम और वैश्विक भागीदारी के साथ सीडीएम भारत की पेशेवर सैन्य शिक्षा प्रणाली की आधारशिला है।(श्रद्धा विजयलक्ष्मी)