हैदराबाद में बिजली की माँग 23% बढ़ी, डिस्कॉम हाई अलर्ट पर
हैदराबाद, आमतौर पर गर्मियों के दिनों में बिजली का मांग बढ़ती है, लेकिन इस बार सर्दी के मौसम में ही हैदराबाद में बिजली की मांग में 23 प्रतिशत का उछाल आ गया है। अधिकारियों का कहना है कि राज्य, खासकर हैदराबाद और उसके आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों, आईटी उद्योगों, घरेलू, वाणिज्यिक और कृषि की बिजली की खपत तेज़ी से बढ़ रही है। हाल के दिनों में ग्रेटर हैदराबाद की सीमा में बिजली की मांग में 23 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। आम तौर पर हर साल इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि होती है और गर्मियों के दौरान बिजली की अधिकतम मांग देखी जाती है। हालांकि, इस बार नवंबर के महीने में बिजली की भारी मांग देखी गई। अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल ग्रेटर हैदराबाद में अधिकतम बिजली की मांग 3,756 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जो इस साल बढ़कर 4,352 मेगावाट हो गई। इसी तरह बिजली का उपयोग 79 मिलियन यूनिट से बढ़कर 90 एमयू हो गया, जो 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है। अधिकारियों ने कहा कि मांग को पूरा करने के लिए डिस्कॉम राष्ट्रीय ऊर्जा एक्सचेंज से बिजली ख़रीदने के लिए हर महीने 1,000 करोड़ रुपये ख़र्च कर रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में राज्य में बिजली की मांग में वृद्धि के मद्देनज़र, राज्य द्वारा संचालित बिजली वितरण कंपनियों को राज्य में बढ़ती मांग से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना ने राजस्थान, कर्नाटक और पंजाब को पीछे छोड़ दिया है और अगस्त में 15,573 मेगावाट बिजली की मांग के साथ 5वें स्थान पर पहुंच गया। 29,126 मेगावाट के साथ उत्तर प्रदेश, 25,855 मेगावाट के साथ महाराष्ट्र, 21,918 मेगावाट के साथ गुजरात और 17,843 मेगावाट के साथ तमिलनाडु पहले चार स्थान पर हैं।
डिस्कॉम बिना किसी परेशानी के आपूर्ति का प्रबंधन कर रहा है, लेकिन ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने डिस्कॉम को आने वाले महीनों, खासकर गर्मियों के दौरान मांग में और वृद्धि को संभालने के लिए तैयार रहने के लिए आगाह किया है। बिजली अधिकारियों ने बताया कि अगर तेलंगाना राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (टीएसजीईएनसीओ) द्वारा नलगोंडा जिले के दामराचार्ला इलाके में बनाई जा रही यदाद्री थर्मल पावर स्टेशन (वाईटीपीएस) परियोजना मार्च तक उत्पादन शुरू नहीं करती है, तो बिजली की मांग को पूरा करने में कुछ समस्या हो सकती है और डिस्कॉम को खुले बाजार से बिजली खरीदना होगा। इससे डिस्कॉम पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जो पहले से ही वित्तीय परेशानी में है।