लड्डू विवाद की जाँच स्वतंत्र एसआईटी को

अमरावती,उच्चतम न्यायालय ने तिरुपति लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जाँच के लिए पांच सदस्यीय स्वतंत्र विशेष जाँच दल (एसआईटी)का शुक्रवार को गन करने के साथ ही स्पष्ट किया कि वह अदालत का राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल के जाने की अनुमति नही देगा। यह आदेश इसलिए महत्वपूर्ण है क्येंकि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त जाँच दल उस एसआईटी का स्थान लेगा, जिसका गन आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति लड्डुओं को बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जाँच के लिए 26 सितंबर को किया था।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विवनाथन की पी ने कहा कि एसआईटी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अधिकारियें के अलावा एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) का एक वरिष् अधिकारी भी शामिल होगा।

पी ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि हम न्यायालय का राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल नही होने देंगे, लेकिन करोड़ें लोगें की भावनाओं को शांत करने के लिए हम चाहते हैं कि जाँच एक स्वतंत्र एसआईटी द्वारा की जानी चाहिए जिसमें राज्य पुलिस एवं सीबीआई के प्रतिनिधि और एफएसएसएआई का एक प्रतिनिधि शामिल हों। पी ने निर्देश दिया कि यह उचित होगा कि जाँच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की निगरानी में की जाए। उसने सुनवाई के दौरान कहा कि हम नही चाहते कि यह राजनीतिक नाटक बन जाए। दुनिया भर में करोड़ें लोगें की भावनाएँ इससे जुड़ी हैं।

पी ने इस मामले में न्यायालय की निगरानी में जाँच कराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया। पी ने स्पष्ट किया कि उसने दोनें याचिकाओं में लगाए गए आरोपों और राज्य सरकार सहित प्रतिवादियें के रुख़ पर गौर नही किया है। उसने यह भी स्पष्ट किया कि उसके आदेश को राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी के अधिकारियें की निष्पक्षता पर किसी प्रकार के सवाल के तौर पर नही देखा जाए। पी ने कहा कि न्यायालय देवता में आस्था रखने वाले करोड़ें लोगें की भावनाओं को शांत करने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी को जाँच सैंपने का आदेश दे रहा है।

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