धूलपेट में आबकारी पुलिस का तलाशी अभियान
हैदराबाद, अब गांजा कारोबारियों के पकड़े जाने पर केवल मामला ही दर्ज नहीं होगा, बल्कि उनकी चल-अचल संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा। पीडी एक्ट का मामला भी एक साथ दर्ज करते हुए सख्त कार्रवाई होगी। आज ऑपरेशन धूलपेट के तहत आबकारी पुलिस तथा कानून व व्यवस्था पुलिस ने एक साथ धूलपेट के गांजा कारोबारियों के घरों में छापेमारी की।
इस दौरान मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए आबकारी के संयुक्त आयुक्त कुरैशी, साउथ वेस्ट जोन के डीसीपी चंद्रमोहन ने बताया कि ऑपरेशन धूलपेट के तहत धूलपेट से गांजा कारोबारियों को लगातार पकड़ा जा रहा है। कई कारोबारी जमानत से छूटने के बाद फिर से गांजा तस्करी कर रहे हैं। ऐसे में इस प्रकार के कारोबारियों से पार पाने के लिए अब उनकी संपत्तियों को जब्त करने की भी कार्रवाई होगी। उन्होंने गांजा कारोबारियों को एक भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने, पीडी एक्ट लगाने की भी चेतावनी दी। आज आबकारी पुलिस व कानून व अपराध पुलिस की कुल 9 टीमों ने धूलपेट में गांजा बिक्री के सेंटरों का दौरा किया। इस दौरान कुछ गांजा कारोबारियों को समाज की मुख्य धारा में लौटने की अपील करते हुए पुलिस अधिकारियों ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया। आज छापेमारी के दौरान पुलिस के हाथ लगभग 1 किलो सूखा गांजा भी लगा। पुलिस ने बलराम गली में रहने वाली कुख्यात महिला गांजा तस्कर के घर के पास कड़ी निगरानी रखने और ग्राहकों के खिलाफ भी एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज करने की चेतावनी दी।
अवसर पर आबकारी के अतिरिक्त अधीक्षक भास्कर, सहायक आयुक्त अनिल कुमार रेड्डी, गोशामहल के सहायक पुलिस आयुक्त वेंकट रेड्डी, ऑपरेशन धूलपेट के प्रभारी एन. अंजी रेड्डी, डीएसपी तुला श्रीनिवास राव, तिरुपति यादव, मंगलहाट के इंस्पेक्टर एम. महेश, धूलपेट आबकारी इंस्पेक्टर मधु बाबू के अलावा अन्य उपस्थित थे।
सामाजिक संस्थाओं से आगे आने की अपील
आबकारी तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने धूलपेट समेत आस-पास के क्षेत्रों को गांजे से मुक्ति दिलाने की दिशा में संबंधित सामाजिक संस्थाओं से आगे आने की अपील की। अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में धूलपेट में लगभग 90 प्रतिशत गांजे का कारोबार खत्म हो चुका है। कुछ नये-नये लोग आसानी से पैसा बनाने के चक्कर में गांजे की बिक्री कर रहे हैं। उन्हें भी पकड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसी भी समाज की नींव उसकी युवा पीढ़ी होती है, ऐसे में गांजे का सेवन केवल युवाओं को नहीं बल्कि समाज को भी कमजोर करता है। यदि संबंधित समाजों का सहयोग मिला, तो गुड़म्बे की तरह क्षेत्र को गांजे से भी मुक्ति दिलाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि महज चंद गांजा कारोबारियों की वजह से धूलपेट जैसे स्वाभिमानी, परिश्रमी क्षेत्र का नाम खराब हो रहा है। अपने परिवार, समाज के भविष्य की खातिर संबंधित समाज के सदस्य आबकारी पुलिस से किसी भी समय संपर्क कर सकते हैं।