वन इलेक्शन का क्षेत्रीय दलों पर असर नहीं : केटीआर

हैदराबाद, वन नेशन-वन इलेक्शन से क्षेत्रीय दलों को नुकसान होने की बात को लेकर अब तक विरोधी रही भारत राष्ट्र समिति (भारास) के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री कल्वाकुंट्ला तारक रामाराव के सुर तब बदले नजर आए, जब उन्होंने कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने से क्षेत्रीय दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जनता होशियार है और जानती है किसे वोट देना है, किसे नहीं।

भारास मुख्यालय तेलंगाना भवन में मीडिया के साथ औपचारिक बातचीत में केटीआर ने कहा कि फिलहाल एक देश एक चुनाव का मुद्दा ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) के पास है, संभवत मार्च तक रिपोर्ट के आते ही तस्वीर साफ हो जाएगी तब पता चलेगा केंद्र सरकार का विजन क्या है और सरकार किस तरह से देशभर में एक साथ चुनाव कराएगी। उन्होंने कहा कि एक बात तय है यदि भाजपा सरकार ने एक देश-एक चुनाव कराना तय कर लिया है तो कराकर रहेगी। इसे रोकने की स्थिति में वे (बीआरएस) नहीं हैं। जब संसद में बिल आएगा, उसके बाद ही कुछ बोल पाएंगे। भारास प्रमुख व विपक्षी नेता केल्वाकुंट्ला चंद्रशेखर राव के विधानसभा से दूरी बनाए रखने को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पूछे गए प्रश्न पर केटीआर ने मजाकिया लहजे में कहा कि केसीआर ने 24 सालों तक कष्ट किया है। अब रेस्ट ले रहे हैं तो लेने दिया जाए। वैसे भी कब बाहर आना है वो केसीआर को पता है।

उन्होंने निराशा जताई और कहा कि विधानसभा में विपक्षी नेता के तौर पर केसीआर को सम्मान नहीं दिया जा रहा है। विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) चेयरमैन की नियुक्ति विपक्षी नेता से राय लेकर की जाती है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में केसीआर क्या सदन में अपमानित होने के लिए आएंगे? नए साल में केसीआर के अमेरिका दौरे के संबंध में प्रचारित खबरों को सिरे से खारिज करते हुए केटीआर ने कहा कि सोशल मीडिया द्वारा फैलाई जा रही अवास्तविक खबरों पर कोई भरोसा न करे। अमेरिका जाने का कोई कार्यक्रम केसीआर का नहीं है सब दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने नया रहस्योद्घाटन करते हुए बताया कि उनके (केटीआर के) फोन टैप किए जा रहे हैं इसकी पूरी जानकारी है और जल्द ही विस्तार से मीडिया को जानकारी देंगे।

केटीआर ने आरोप लगाया कि रेवंत सरकार किसी हाल कोई भी केस बनाकर 2 महीने के लिए सही उन्हें (केटीआर को) जेल भेजने के लिए हर प्रकार के प्रयास कर रही है। इसके लिए 4-5 बार कोशिशें करके विफल भी हो चुकी है। इस बार फार्मूला ई कार रेस मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है और विश्वास है सरकार विफल ही होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य्मंत्री के. चंद्रशेखर राव शासन में नागरिक प्रशासन मंत्री के रूप में तेलंगाना को विश्व पटल पर पेश करने के उद्देश्य से खुद निर्णय लेकर पैसा भेजने की बात पहले जो उन्होंने (केटीआर ने) मानी थी, उस पर आज भी कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल सब लेन-देन पारदर्शी और आधिकारिक तौर पर हुआ है। इसमें भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं है। पिछड़ा वर्ग मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने भी माना है कि प्रोसिजिरियल लैप्स (प्रक्रियात्मक खामीयां) हुई हैं तो भ्रष्टाचार का मामला ही नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि एसीबी जैसी जांच एजेंसी, जो सरकार के तहत काम करती है उसे केस सौंपना समझ के परे है क्योंकि एसीबी को जांच सौंपकर एफआईआर दर्ज करके सरकार जनता का धन व्यर्थ में बर्बाद कर रही है। जब भ्रष्टाचार हुआ ही नहीं है तो एसीबी में केस कैसे बनेगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी गई है और भरोसा है कि कोर्ट केस को खारिज कर देगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नोटिस भेजे जाने की बात मानते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट ने एसीबी का केस खारिज कर दिया, तो ईडी का केस स्वत समाप्त हो जाएगा।

केटीआर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत सरकार के लिए नववर्ष 2025 धोखा नामसंवस्तसर के रूप में शुरू होने जा रहा है क्योंकि नववर्ष की शुरुआत यह सरकार धोखे से करने जा रही है। संक्रांति पर्व के बाद किसानों को रैतु भरोसा के नाम पर भी धोखा देने की तैयारी सरकार कर चुकी है। केटीआर ने नववर्ष 2025 में बीआरएस के संस्थागत निर्माण पर ध्यान देने की जानकारी दी और कहा कि पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव, सदस्यता अभियान, ग्राम व बूथ स्तर पर कमेटियों का गठन, प्रशिक्षण कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। बीआरएस का स्थापना दिवस व प्लीनरी का आयोजन आदि कई कार्यक्रम होंगे। अगला वर्ष पूरा व्यस्तता से भरा रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो वादे व गांरटियां जनता को दी हैं उन्हें एक वर्ष के कार्यकाल में भी पूरे करने में कांग्रेस सरकार विफल हो चुकी है । उन्होंने कहा कि सरकार की विफलताओं की पोल खोलने व आंदोलन करके पूरा वर्ष दबाव बनाने में बीआरएस सफल रही है। लगचर्ला भू अधिग्रहण में किसानों की गिरफ्तारी, जेल भेजने, मूसी पुनरुद्धार के नाम पर लूट व हैद्रा की आड़ लेकर गरीबों के घरों को ढहाने, गुरुकुल पाठशालाओं में विद्यार्थियों की मौतें, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर बीआरएस ने जनता के पक्ष में खड़े होकर सक्रिय भूमिका निभाई जिससे कार्यकर्ताओं में पार्टी के प्रति विश्वास व आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी के रूप में बीआरएस आंदोलन करती रहेगी और वादे पूरे होने तक सरकार का पीछा नहीं छोड़ेगी।(विकास जगताप)

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