नागरिकता छिपाने के मामले में पूर्व विधायक पर 30 लाख रुपये का जुर्माना
हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पूर्व विधायक चेन्नमनेनी रमेश पर अपनी जर्मन नागरिकता से संबंधित तथ्यों को छिपाने और ग़लत तरीके से प्रस्तुत करने के लिए 30 लाख रुपये का ज़ुर्माना लगाया।
रमेश की याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के 2019 के आदेश को बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि वेमुलवाड़ा सीट से पूर्व विधायक रमेश नागरिकताविहीन नही हैं, क्योंकि उनके पास जर्मन पासपोर्ट है।
अदालत ने पाया कि उसके निर्देशों के बावजूद रमेश यह साबित करने वाले दस्तावेज़ पेश करने में असफल रहे कि उन्होंने अपनी जर्मन नागरिकता त्याग दी है। अदालत ने रमेश पर 30 लाख रुपये का ज़ुर्माना लगाया, जिसमें से 25 लाख रुपये एक महीने में वेमुलवाड़ा से कांग्रेस विधायक आदि श्रीनिवास को देने का निर्देश दिया, जिन्होंने पहले रमेश की भारतीय नागरिकता को चुनौती दी थी और उन्हें मुकदमे पर ख़र्च करना पड़ा। अदालत ने बाकी पांच लाख रुपये की राशि विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने को कहा है। भारत में दोहरी नागरिकता का कोई प्रावधान नही है। जन प्रतिनिधित्व कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो भारतीय नागरिक नही है, वह किसी भी चुनाव में प्रत्याशी बनने या मत देने का अधिकारी नही है।