विधानसभा में नहीं, अदालत में हो फॉर्मूला ई रेस मामले का फैसला : महेश
हैदराबाद, फॉर्मूला ई कार रेस मामले में पूर्व मंत्री केटीआर के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख महेश कुमार गौड़ ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चूंकि मामला कानूनी तौर पर दर्ज किया गया, इसलिए इसका फैसला विधानसभा में नहीं, बल्कि अदालत में होना चाहिए।
महेश कुमार गौड़ ने कहा कि पूर्व मंत्री केटीआर के खिलाफ फॉर्मूला ई-रेस का मामला पूरी तरह वैध है। शुक्रवार को काउंसिल के मीडिया प्वाइंट पर संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह सच है कि फॉर्मूला ई-रेस में अनियमितताएं हुईं और इससे संबंधित कई सबूत हैं, लेकिन केटीआर इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया कि राज्यपाल द्वारा इस मुद्दे पर कानूनी सलाह लेने और सरकार द्वारा भेजे गए सबूतों के आधार पर केटीआर के खिलाफ जांच के आदेश देने के बाद इसे अवैध कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मामला अवैध है या वैध, इसका फैसला विधानसभा में नहीं, बल्कि अदालत में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि फॉर्मूला ई-रेस में भागीदार ना होने के बाद भी केटीआर ने बिना वित्तीय अनुमति के एचएमडीए के खाते से 54.88 करोड़ रुपये का भुगतान करने का दबाव डाला।
महेश कुमार गौड़ ने आगे कहा कि सबूत होने के बावजूद केटीआर दिखावा कर रहे हैं कि उन्होंने कोई अवैध काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अतीत में बीआरएस सरकार की तरह अवैध मामले दर्ज नहीं किए। उन्होंने कहा कि रेसिंग घोटाले में अधिकारी नियमानुसार राज्यपाल की अनुमति ले रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव संहिता लागू होने के बावजूद नियम के खिलाफ विदेशी कंपनियों को फंड कैसे मंजूर किया गया। केटीआर की अनियमितताओं के कारण अधिकारी बलि का बकरा बन गए हैं।उन्होंने कहा कि नियमों का पालन किए बिना बड़ी मात्रा में फंड विदेश स्थानांतरित करने के कारण एचएमडीए को 8 करोड़ रुपये से अधिक का कर चुकाना पड़ा।
उन्होंने सवाल किया कि क्या नियमों का उल्लंघन करने और लोगों को परेशान करने से हैदराबाद की ब्रांड इमेज बढ़ेगी। उन्होंने टिप्पणी की कि बीआरएस नेताओं के शोषण से हैदराबाद की ब्रांड छवि को नुकसान पहुंचा है। बीआरएस नेता जो कुछ भी करते हैं वह अपने फायदे के लिए करते हैं। उन्होंने कहा कि अनियमितताएं साबित करती हैं कि हैदराबाद की ब्रांड इमेज के नाम पर पैसों की बर्बादी की गई।