बार-बार चुनाव विकास में बाधा : शिवराज

हैदराबाद, केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक देश-एक चुनाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विकसित भारत के निर्माण में बार-बार चुनाव बड़ी बाधा है, इसलिए देश के विकास को ठप्प करने वाले निरंतर चुनावों को रोकने के लिए जनता को गंभीरता से एक देश-एक चुनाव का संकल्प लेकर आवाज उठानी होगी।

वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर जनसमर्थन जुटाने के उद्देश्य से देशभर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत तेलंगाना भाजपा के तत्वावधान में नगर के होटल कात्रिया टावर्स में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को नागपुर से वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि देश में बार-बार चुनाव होने से प्रगति पर प्रभाव पड़ता है। देश का काफी धन खर्च होता है। हर बार होने वाले चुनावों के कारण राष्ट्रहित के बड़े फैसले टल जाते हैं।

चुनावों पर बढ़ता खर्च और एक साथ चुनाव की आवश्यकता

जो ऊर्जा जनता की सेवा में लगनी चाहिए, वह हर 4-6 महीने में होने वाले चुनावों पर खर्च होती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1951-52 में हुए चुनाव पर देश का 11 करोड़ रुपया खर्च हुआ, लेकिन वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यह राशि बढ़कर 16 हजार करोड़ रुपये हो गयी। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। जिस प्रकार यह खर्च बढ़ रहा है, भविष्य में यह आंकड़ा 4 से 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

शिवराज ने लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन किए जाने की जरूरत बताई और कहा कि यदि लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ किए जाएं, तो भारी खर्च तो बचेगा ही। साथ ही महत्वपूर्ण फैसले टलने से बच जाएंगे। बार – बार चुनाव होने से भाजपा का लाभ ही होगा, क्योंकि इतना विशाल कैडर व कार्यकर्ता किसी के पास नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं राष्ट्र प्रथम। पार्टी बाद में है।

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बार-बार चुनाव: विकास में रुकावट और संसाधनों की बर्बादी

उन्होंने कहा कि जनता को चाहिए कि सभी राजनीतिक दलों से कहे, बार-बार चुनाव का यह नाटक अब नहीं चलेगा। संविधान संशोधन होना चाहिए। 5 साल में एक बार चुनाव हों, ताकि साढे चार साल तक विकास कार्य किए जा सकें। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से देश में नीतिगत फैसले नहीं हो पाते हैं। किसी दल को जीतने का तो किसी को हारने का डर लगा रहता है। कहीं वोटर नाराज न हो जाए, इसलिए फैसले टल जाते हैं।

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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बार – बार होने वाले चुनाव में राजनीतिक दल लोक लुभावन वादे करते हैं। चुनाव का खर्च तो है ही, उम्मीदवारों का खर्च भी होता है जो चंदे से वसूला जाता है और चुनाव के समय अलग- अलग इंडस्ट्रीयलिस्ट किस-किस को चंदा दें, इसे लेकर परेशान रहते हैं। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष में एक बार चुनाव होने से जनप्रतिनिधि साढे चार साल खूब काम कर सकेंगे। जनता की सेवा करेंगे और पांचवें साल राजनीति पर ध्यान देंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव में प्रशासनिक अधिकारी चुनावी व्यवस्था में जुट जाते हैं। एक राज्य के अधिकारी दूसरे राज्य के चुनाव में ड्यूटी पर लग जाते हैं, इससे राज्यों का प्रशासनिक कार्य बाधित होता है। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव होते हैं, नई वोटर लिस्ट बनती है। शिक्षक, आंगनवाडी व आशा वर्कर सब चुनावी ड्यूटी में लगा दिए जाते हैं। सुरक्षा में पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल भी ड्यूटी में लगते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को भारत की ताकत का संदेश

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारें बदलने लगती हैं जिससे नीतिगत फैसले भी हर सरकार के अनुसार बदलने लगते हैं। पॉलिसी पैराल्सिस हो जाता है। उन्होंने जनता से एक देश – एक चुनाव के लिए संविधान संशोधन अभियान चलाने का आह्वान किया। ऑरपेशन सिंदूर की सफलता पर सेना को सराहा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहलगाम आतंकवादी घटना के बदले में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना को प्रणाम किया और कहा कि हमारा निशाना आतंकवादी थे।

पाकिस्तान की सेना या उनके आम नागरिक नहीं थे, लेकिन शुरुआत पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन व मिसाइलों से हमला करके की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने हमारी बहनों के माथे से सिंदूर पोछा तो सेना ने आतंकियों के सारे अड्डे तबाह कर दिए। पाकिस्तान यह भूल गया कि यह नया भारत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जांबाज सेना ने पाकिस्तान के ड्रोन व मिसाइलों को खिलौनों की तरह गिरा दिया, उससे तीसरे दिन ही पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। युद्ध विराम की अपील करने लगा।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है। भारत आतंकवादियों को नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि हम किसी को छेडेंगे नहीं, यदि कोई छेड़ेगा तो उसे छोड़ेंगे भी नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ बात होगी तो केवल आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी। भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठेगा।

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