एफटीसीसीआई स्वास्थ्य समिति का परिचर्चा सत्र आयोजित
हैदराबाद, फेडरेशन ऑफ तेलंगाना चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफटीसीसीआई) द्वारा मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सर्विसेज एंड एडिफिसेज के मुख्य कार्डियक सर्जन डॉ. आनंद अग्रवाल के साथ परिचर्चात्मक सत्र का आयोजन किया गया।
अवसर पर डॉ. आनंद अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र विशेषकर कार्डियोलॉजी में निवारक स्वास्थ्य देखभाल विशेषकर बहुत महत्वपूर्ण है। सही इलाज के लिए बीमारी की सही जानकारी जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य उपचार निर्धारित नहीं कर सकता है। चिकित्सकों को इन पहलुओं पर आत्ममंथन करना चाहिए। चिकित्सकों को साक्ष्य-आधारित उपचार करते हुए मरीजों को सही सलाह देनी चाहिए। हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ मिलकर सेव द यंग हार्ट फाउंडेशन की स्थापना करने वाले डॉ. आनंद अग्रवाल ने हृदय संबंधी समस्याओं से युवाओं के पीड़ित होने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वस्थ हृदय ही स्वस्थ परिवार है। उन्होंने युवाओं से उनकी वेबसाइट .नूप ब्दल्हुपू.म्दस् पर जाकर स्वास्थ्य और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए हमारे उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करने की अपील की। उन्होंने हा कि हमें कम उम्र में हृदयाघात जैसी समस्याओं को रोकने का प्रयास करना चाहिए। चलना और दौड़ना हृदय रोगों को कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। पिछले 3 वर्षों से सेव द यंग हार्ट परिवार हैदराबाद के आस-पास दौड़ आयोजित कर रहा है।
श्री सत्य साईं सुजला श्रावंती ट्रस्ट के ट्रस्टी और सचिव कल्याण कंदुकुरी ने कहा कि उनकी एक शाखा प्रशांति बाला मंदिर ट्रस्ट देश के प्रत्येक जिले में अस्पताल स्थापित करने की योजना बना रही है। निशुल्क इलाज के लिए पूरे भारत में 6000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 25 तफतीयक अस्पताल स्थापित करने की भी योजना है। हमारा लक्ष्य निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित करना है। एफटीसीसीआई की स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष शेखर अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा लाया गया विज़न 2030 दस्तावेज भारत में किसी भी चैंबर द्वारा अपनी तरह का पहला दस्तावेज है। उन्होंने कहा तेलंगाना पहले से ही देश में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अग्रणी है। पिछले कुछ वर्षों में इसने तेजी से प्रगति की है। इस हेल्थकेयर विजन का उद्देश्य तेलंगाना में सभी नागरिकों के लिए रोगी-केंद्रित, आसान, सुलभ, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल के समाधान सुझाने का एक प्रयास करना है। अवसर पर एफटीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि कुमार, डॉ.द्वारकानाथ एवं अन्य ने भी विचार रखे।