30 दिसंबर के भीतर हो तालाबों के एफटीएल का निर्धारण : कोर्ट

हैदराबाद, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एचएमडीए की परिधि में आने वाले सभी तालाबों के एफटीएल के निर्धारण हेतु अधिसूचना जारी कर 30 दिसंबर के भीतर सभी तालाबों के एफटीएल बफर जोन का निर्धारण कर यथास्थिति रिपोर्ट पेश करने के सरकार को आदेश दिए। अदालत ने कहा कि वर्तमान समय तक काफी देर हो चुकी है। इस कार्य को यथाशीघ्र करें।

एचएमडीए परिधि के रामम्माकुंटा तालाब के एफटीएल परिधि में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिजम एण्ड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट के निर्माण कार्य पर दायर जनहित याचिका पर आज पुन एक बार उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आलोक अरधे और जस्टिस जे. श्रीनिवास राव की खण्डपीठ ने सुनवाई की। खण्डपीठ ने बताया कि इस मामले की पूर्ण स्तरीय सुनवाई की जा रही है। खण्डपीठ ने इसके पूर्व गत जुलाई माह में एचएमडीए आयुक्त सरफराज खान द्वारा दिए गए आश्वासन पर कार्रवाई न किए जाने पर सवाल उठाया।

गत 24 जुलाई को व्यक्तिगत स्तर पर अदालत में हाजिर हुए सरफराज खान ने एचएमडीए की परिधि में 3,532 तालाबों की संख्या बताई। उन्होंने कहा था कि 230 तालाबों के एफटीएल के निर्धारण हेतु अंतिम अधिसूचना जारी की गई। अन्य 2,525 तालाबों के संबंध में प्राथमिक अधिसूचना जारी की जानी है। इस पर आपत्तियों को स्वीकारने के बाद अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। इस आश्वासन को अमल में न लाए जाने पर खण्डपीठ ने असंतोष जताया। तीन माह बीत जाने के बाद भी आश्वासन पर कार्रवाई नहीं की गई। खण्डपीठ ने पूछा कि इस कार्य के लिए और कितना समय चाहिए। सरकारी अधिवक्ता ने दलील देते हुए बताया कि एचएमडीए की परिधि में वर्तमान समय तक 2,793 तालाबों के संबंध में प्राथमिक अधिसूचना जारी की जा चुकी है और इनमें से 530 तालाबों के संबंध में अंतिम अधिसूचना भी जारी की गई।

इस पर खण्डपीठ ने हस्तक्षेप कर बताया कि इसके पूर्व एचएमडीए आयुक्त ने 2,525 तालाब बताए थे और अब इनकी संख्या कैसे बढ़ गई। इस पर सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि उस समय पहचाने गए तालाबों का विवरण दिया गया था और अब ताजा रिपोर्ट के आधार पर विवरण दिया जा रहा है। उन्होंने खण्डपीठ से और तीन माह का समय देने का आग्रह किया। इस पर खण्डपीठ ने एफटीएल के निर्धारण के संबंध में अंतिम अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण करने के आदेश दिए। इसके साथ ही खण्डपीठ ने 30 दिसंबर को इस मामले की अगली सुनवाई तक तालाबों के एफटीएल और बफर जोन का निर्धारण करते हुए रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए।

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